मुंबई, 01 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक साथ नजर आए। तीनों नेताओं की मुलाकात और लंबी बातचीत ने समिट को खास बना दिया। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों के कारण उठी उथल-पुथल भी वैश्विक मीडिया की सुर्खियों में छाई रही। इस बार 3400 से अधिक पत्रकारों ने इस सम्मेलन को कवर किया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि ट्रम्प ने भारत से आने वाले सामान पर 50% टैरिफ लगा दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों पर संकट गहराया है। भारत लंबे समय से अमेरिकी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करने और चीन का विकल्प बनने की कोशिश कर रहा था। इस रणनीति को "चाइना प्लस वन" कहा जाता है, लेकिन ट्रम्प के इस कदम से भारत की योजना को झटका लगा है। इसका सीधा असर भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर पड़ा है। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी की बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई सात साल बाद की पहली मुलाकात ने यह संकेत दिया कि भारत अब चीन के साथ अपने तनावपूर्ण रिश्तों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि शी जिनपिंग ने SCO समिट के दौरान दावा किया कि चीन दुनिया की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने सदस्य देशों को करोड़ों डॉलर की मदद और कर्ज देने का ऐलान किया। उनका यह बयान ऐसे समय में आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर छेड़े हुए हैं और विदेशी मदद में कटौती कर रहे हैं। शी ने बिना अमेरिका का नाम लिए "धमकाने वाली नीतियों" की आलोचना की और कहा कि SCO देशों को अपने विशाल बाजारों का इस्तेमाल करके आपसी व्यापार और निवेश को और मजबूत करना चाहिए।
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, इस सम्मेलन में पुतिन ने यूक्रेन युद्ध का दोष पश्चिमी देशों पर मढ़ते हुए कहा कि 2022 में रूस ने यह जंग शुरू नहीं की थी, बल्कि पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में राजनीतिक हस्तक्षेप और नाटो विस्तार की कोशिशों के जरिए हालात बिगाड़े। उन्होंने दावा किया कि युद्ध की असली वजह पश्चिम की साजिश है। शी जिनपिंग ने भी पश्चिमी देशों की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि SCO देशों को विकास और सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होना होगा। फ्रांस 24 की रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिनपिंग ने तियानजिन में हुए सम्मेलन में अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देशों की धमकाने वाली गतिविधियां पूरी दुनिया के लिए मुश्किलें बढ़ा रही हैं। SCO में भारत, रूस, पाकिस्तान, ईरान समेत कई देश शामिल हैं और यह संगठन पश्चिमी देशों से अलग एक सहयोगी ढांचा बनाने की कोशिश कर रहा है। अल जजीरा ने भी लिखा कि पुतिन ने यूक्रेन युद्ध का ठीकरा पश्चिम के सिर फोड़ा। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने 2013-14 में यूक्रेन की सरकार बदलने की साजिश रची और इसी वजह से हालात बिगड़े। पुतिन का यह बयान उस समय आया जब मंच पर भारत और चीन के नेता भी मौजूद थे।