मुंबई, 01 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को दावा किया कि भारत ने अब अमेरिका पर टैरिफ घटाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इसके लिए बहुत देर हो चुकी है। उन्होंने भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को एकतरफा बताते हुए कहा कि भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में सामान बेचता है, जबकि अमेरिका भारत को बहुत कम सामान बेच पाता है। ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाए, जिससे अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना मुश्किल हो गया। उन्होंने इसे पूरी तरह से एकतरफा आपदा करार दिया। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि भारत अपनी ऊर्जा और रक्षा जरूरतों का अधिकांश हिस्सा रूस से खरीदता है, न कि अमेरिका से। ट्रम्प ने कहा कि भारत को सालों पहले ही टैरिफ कम करना चाहिए था। ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय में सामने आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन में आयोजित SCO समिट के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की।
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों देशों की दोस्ती को 21वीं सदी की सबसे खास साझेदारी बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत तकनीक, कारोबार, रक्षा और आपसी रिश्तों के जरिए नई संभावनाएं तलाश रहे हैं। रुबियो के मुताबिक यह रिश्ता दोनों देशों के लोगों के भरोसे और प्रेम से और मजबूत हो रहा है। ट्रम्प के बयान से कुछ ही देर पहले उनके ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने भारतीय ब्राह्मणों पर रूसी तेल से मुनाफाखोरी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर मुनाफा कमा रहा है और इसकी असली कीमत आम भारतीय चुका रहे हैं। नवारो ने भारत को ‘रूस की धुलाई मशीन’ बताते हुए आरोप लगाया कि भारत न सिर्फ व्यापार असंतुलन बढ़ा रहा है, बल्कि ऐसे गठजोड़ों को भी मजबूत कर रहा है, जो अमेरिका के हितों के खिलाफ हैं।