संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि शनिवार को देशभर में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाई जा रही है। इस अवसर पर, समाज के हर वर्ग के लोग राष्ट्र निर्माण में डॉ. आंबेडकर के अमूल्य योगदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण कर रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर 'मोदी स्टोरी' हैंडल से डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर से जुड़े विचारों और उनके प्रति सरकार की पहल को लेकर पोस्ट और वीडियो साझा किए गए हैं। इन पोस्ट्स में यह बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. आंबेडकर के विचारों को अपने सार्वजनिक जीवन और नीतियों में किस प्रकार लागू किया है।
सबका साथ, सबका विकास और आंबेडकर का विजन
पोस्ट में कहा गया है कि डॉ. बीआर आंबेडकर के 70वें महापरिनिर्वाण दिवस पर उनके विचारों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के तरीके के बीच का गहरा कनेक्शन साफ तौर पर दिखता है।
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मूल सिद्धांत: डॉ. आंबेडकर के सामाजिक न्याय, बराबरी और सम्मान के सिद्धांत भारत की तरक्की को आकार देते हैं।
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पीएम मोदी का मोटो: पीएम मोदी का मोटो 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' उसी लोकतांत्रिक भावना को आगे बढ़ाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अक्सर इस बात पर जोर दिया है कि पिछले दशक में लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, जो बाबासाहेब आंबेडकर की उस उम्मीद से मेल खाता है, जिसमें उन्होंने एक ऐसे भारत की उम्मीद की थी, जहां संवैधानिक अधिकारों से सबसे गरीब लोगों के जीवन में वास्तविक सुधार आए।
प्रतीकात्मक पहलें और सम्मान यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सार्वजनिक जीवन में कई प्रतीकात्मक पहलों के माध्यम से डॉ. आंबेडकर के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की है:
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दलित कन्या से गृह प्रवेश: सामाजिक कार्यकर्ता और पद्म पुरस्कार विजेता भीकू रामजी इदाते बताते हैं कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार शपथ लेने के बाद, मोदी ने पास की एक दलित बस्ती से एक कन्या को आमंत्रित किया और अपने सरकारी आवास में पहले गृह प्रवेश कराया।
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संविधान सम्मान यात्रा: गुजरात से लोकसभा के सांसद दिनेश मकवाना और अन्य साक्षियों ने बताया कि नरेंद्र मोदी ने संविधान को सुसज्जित हाथी पर स्थापित कर एक सम्मान यात्रा भी निकाली थी। इस यात्रा के माध्यम से सामाजिक समरसता, समानता और संविधान के मूल्यों के प्रति सम्मान का संदेश दिया गया।
पंचतीर्थ और वैश्विक पहचान
प्रधानमंत्री बनने के बाद, नरेंद्र मोदी ने डॉ. आंबेडकर से जुड़ी पांच बड़ी जगहों को 'पंचतीर्थ' (जन्म, शिक्षा, आध्यात्मिक बदलाव, महापरिनिर्वाण और अंतिम संस्कार स्थल) बनाकर उनकी यादों को एक राष्ट्रीय यात्रा से जोड़ा है।
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अंतर्राष्ट्रीय प्रयास: लंदन में आंबेडकर मेमोरियल और दिल्ली में डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर फॉर सोशियो-इकोनॉमिक ट्रांसफॉर्मेशन की स्थापना ने यह सुनिश्चित किया कि बाबासाहेब के योगदान को दुनिया भर में पहचान मिले।
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संविधान दिवस: 2015 में संविधान दिवस को औपचारिक रूप से घोषित किया गया, जिससे बाबासाहेब आंबेडकर के काम और विचारों के लिए नागरिकों में गहरा सम्मान पैदा हुआ।
मोदी सरकार ने ASIIM (अंबेडकर सोशल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन मिशन, 2020) जैसी पहलों के माध्यम से SC युवाओं के बीच इनोवेशन को सपोर्ट किया है, और PM AJAY (2021) का मकसद SC कम्युनिटी के बीच सोशियो-इकोनॉमिक इंडिकेटर्स को बेहतर बनाना है।