मुंबई, 22 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। एअर इंडिया ने अपने बेड़े में शामिल बोइंग 787 और 737 विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) लॉकिंग सिस्टम की जांच पूरी कर ली है और कंपनी का कहना है कि जांच में कोई तकनीकी खामी नहीं पाई गई है। एयरलाइन ने यह जानकारी उस निर्देश के बाद दी है, जो विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए (DGCA) ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर 12 जुलाई को सभी एयरलाइनों को दिया था। डीजीसीए ने 21 जुलाई तक जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा था। अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट के हादसे के बाद एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में बताया था कि टेकऑफ से पहले फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद हो गए थे, जिससे विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए और थ्रस्ट खत्म हो गया। पायलट ने 10 सेकेंड बाद स्विच दोबारा ऑन किए लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से यह भी सामने आया कि टेकऑफ के समय एक पायलट ने दूसरे से पूछा था, “क्या तुमने स्विच बंद किया?” जिस पर जवाब मिला, “नहीं।” रिपोर्ट में बताया गया है कि उड़ान से पहले फ्लाइट के एक सेंसर में दिक्कत आई थी, जिसे दुरुस्त किया गया था। हालांकि रिपोर्ट ने इस हादसे की कोई अंतिम वजह नहीं बताई है, क्योंकि प्रारंभिक रिपोर्ट्स में सिर्फ तथ्य पेश किए जाते हैं और विस्तृत निष्कर्ष एक-दो साल बाद आने वाली अंतिम रिपोर्ट में ही सामने आते हैं।
एअर इंडिया ने बयान जारी कर बताया कि उसकी दोनों एयरलाइनों (एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस) ने डीजीसीए द्वारा 14 जुलाई को जारी निर्देशों का पालन किया। कंपनी ने 12 जुलाई को ही अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी थी और तय समय के भीतर इसे पूरा कर लिया गया। बोइंग 787 एयर इंडिया के बेड़े में शामिल है जबकि B737 विमान की उड़ानें उसकी किफायती सेवा एअर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा संचालित की जाती हैं। फिलहाल भारतीय एयरलाइंस के पास 150 से अधिक बोइंग 737 और 787 विमान हैं। इनमें इंडिगो के पास सात बी737 मैक्स 8 और एक बी787-9 विमान हैं, जो वेट लीज या डैम्प लीज पर लिए गए हैं और भारत में रजिस्टर्ड नहीं हैं। हादसे से जुड़ी AAIB की पांच पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि टेकऑफ से लेकर दुर्घटना तक की उड़ान सिर्फ 30 सेकेंड की थी। रिपोर्ट में न तो मौसम, बर्ड-हिट और न ही किसी साजिश का जिक्र किया गया है। दोनों पायलट अनुभवी थे। फ्लाइट के पायलट सुमीत सभरवाल के पास 8200 घंटे से अधिक का फ्लाइंग अनुभव था, जबकि को-पायलट क्लाइव कुंदर को 1100 घंटे की उड़ान का अनुभव था। दोनों ही मुंबई बेस्ड थे और हादसे से एक दिन पहले अहमदाबाद पहुंचे थे। इस फ्लाइट का सबसे दुखद पहलू यह था कि यह एक मेडिकल होस्टल पर क्रैश हुआ, जिसमें 270 लोगों की जान चली गई। इनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर्स शामिल थे। केवल एक यात्री, जो भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक था, इस हादसे में जीवित बचा।