मुंबई, 13 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अक्सर लोग अपने दांतों की चमकदार मुस्कान को ही स्वास्थ्य का प्रतीक मानते हैं, लेकिन आपके मुंह की सेहत आपके पूरे शरीर की सेहत का आईना है। दांत और मुंह के ऊतक अनेक बीमारियों के शुरुआती संकेत दिखा सकते हैं, जिन्हें समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। यहां जानिए वे 6 ओरल लक्षण, जो गंभीर बीमारियों की चेतावनी हो सकते हैं:
1. टूटे या क्रैक हुए दांत: ब्रुक्सिज्म (Teeth Grinding)
अगर आपके दांत बार-बार टूट रहे हैं या उनमें दरारें आ रही हैं, तो हो सकता है आप नींद में अनजाने में दांत पीस रहे हों। इसे ब्रुक्सिज्म कहते हैं, जो तनाव, जबड़े की गड़बड़ी या किसी आंतरिक बीमारी के कारण हो सकता है। लगातार पीसने की वजह से दांतों का इनेमल घिसता है, और जबड़े व गालों में दर्द भी हो सकता है।
2. मसूड़ों से बार-बार खून आना: जिंगिवाइटिस तथा गम रोग
ब्रश या फ्लॉस करते समय अगर मसूड़ों से खून आता है, तो यह जिंगिवाइटिस का शुरुआती संकेत है। समय रहते इलाज न किया जाए तो यह गम रोग का रूप ले सकता है, जो न सिर्फ दांतों बल्कि हड्डियों को भी नुकसान पहुंचाता है। गम रोग का संबंध हार्ट डिजीज, डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी बड़ी बीमारियों से भी है।
3. अचानक कैविडी का बढ़ना: डायबिटीज का संभावना
अगर आपके मुंह में अचानक बहुत सारी कैविडीज (दांत में छेद) बन रही हैं तो यह सिर्फ खराब सफाई नहीं, बल्कि डायबिटीज का संभावित संकेत हो सकता है। डायबिटीज में ब्लड शुगर बढ़ने के कारण मुंह में बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं और इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ता है, जिससे दांत जल्दी खराब होते हैं।
4. बार-बार छाले बनना: सीलियक डिजीज या ग्लूटन सेंसिटिविटी
यदि आपके मुंह में बार-बार छाले या अल्सर बनते हैं, तो यह सीलियक डिजीज या ग्लूटन सेंसिटिविटी का संकेत हो सकता है। सीलियक में छोटी आंत को नुकसान पहुंचता है, जिससे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। यह छाले जीआई समस्याओं से पहले ही दिख सकते हैं।
5. इनेमल का घिसना: एसिड रिफ्लक्स (GERD)
दांतों का इनेमल घिसना एसिड रिफ्लक्स या GERD की वजह से हो सकता है, जिसमें पेट का एसिड बार-बार मुंह तक पहुंचता है। इससे दांतों में संवेदनशीलता, रंग बदलना और कैविटी बढ़ जाती है। एसिड रिफ्लक्स का इलाज कराना और दांतों की मरम्मत जरूरी है।
6. लगातार बदबू आना (हैलिटोसिस): अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत
अगर आपके मुंह से लगातार बदबू आ रही है, तो यह सिर्फ खानपान या सफाई की वजह नहीं हो सकती। यह ड्राय माउथ, गम रोग, किसी मेटाबोलिक डिसऑर्डर या कुछ कैंसर ट्रीटमेंट का असर भी हो सकती है।
कैसे करें रोकथाम:
- रोजाना ब्रश और फ्लॉस करें
- नियमित डेंटल चेकअप करवाएं
- तनाव पर नियंत्रण करें
- संतुलित आहार लें, शुगर व एसिडिक भोजन कम करें
- डायबिटीज, एसिड रिफ्लक्स आदि बीमारियों का इलाज कराएं
- तंबाकू और शराब से दूर रहें
- पर्याप्त पानी पीकर मुंह को हाइड्रेट रखें
मुंह में दिखने वाले छोटे-छोटे बदलावों को नजरअंदाज ना करें, क्योंकि यही आपके संपूर्ण स्वास्थ्य का संकेत हो सकते हैं।