नागपुर न्यूज डेस्क: राज्य सरकार की लाडली बहन योजना में अपात्र लाभार्थियों की पहचान जारी है। पहले सर्वेक्षण में सरकारी नौकरी करने वाली और जिनके पास चार-पहिया वाहन हैं, उनके नाम सूची से हटा दिए गए। इसके बाद दूसरी बार आंगनवाड़ी सेविकाओं के जरिए घर-घर सर्वेक्षण किया गया। इसमें 18 साल से कम और 65 साल से अधिक आयु वर्ग की महिलाओं, और एक ही परिवार में दो से अधिक लाभार्थियों को अपात्र घोषित किया गया।
नतीजा यह रहा कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 21,568 लाडली बहनों को लाभार्थी सूची से बाहर किया गया। इनमें नागपुर शहर की 10,584 और ग्रामीण क्षेत्र की 10,984 लाडली बहनें शामिल हैं।
योजना का आर्थिक बोझ कम करने के लिए पहले भी नियमों में सुधार किया गया था। राज्यभर से 5 लाख नाम ऐसे हटाए गए थे जो सरकारी नौकरी में थे या जिनके पास चार-पहिया वाहन थे। इसके बावजूद कई अपात्र लाभार्थी सूची में बने रहे, इसलिए आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण कराया गया और इन अपात्र लाभार्थियों को बाहर किया गया।
इस कदम से सरकार का उद्देश्य योजना का लाभ केवल वास्तविक पात्र महिलाओं तक सीमित करना और योजना का आर्थिक बोझ कम करना है।