नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के नागपुर में बुधवार को हुई मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। 24 घंटे के भीतर नागपुर-सोनेगांव हवाई अड्डा क्षेत्र में 202 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जिसके बाद शहर के कई हिस्सों में जलभराव की गंभीर स्थिति बन गई। खासतौर से निचले इलाकों में घरों और सड़कों पर पानी भर गया, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालात को देखते हुए जिले के सभी स्कूल और कॉलेज को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद हालात की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और म्युनिसिपल कमिश्नर से बात की और कहा कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पूरी तरह तैयार हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से नागरिकों से सावधानी बरतने और अनावश्यक बाहर न निकलने की अपील की गई है। नागपुर नगर निगम के ऑपरेशन सेंटर से शहर के जलभराव वाले इलाकों पर सीसीटीवी कैमरों से लगातार नजर रखी जा रही है।
आपदा प्रबंधन अधिकारी तुषार बरहटे ने बताया कि अब तक करीब 40-50 शिकायतें आई हैं और 5 से 7 पेड़ गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं। कुछ इलाकों से लोगों के फंसे होने की सूचना मिली, जिनके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। विशेष रूप से न्यू नरसाला इलाका सबसे अधिक प्रभावित हुआ है जहां नाव की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार घरों और गाड़ियों तक में पानी भर गया है और पिछले कुछ दिनों से निकलना भी संभव नहीं है।
भारतीय मौसम विभाग ने नागपुर के लिए बुधवार को रेड अलर्ट, गुरुवार को ऑरेंज अलर्ट और शुक्रवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। 11 जुलाई तक भारी बारिश और आंधी-तूफान की संभावना जताई गई है। लगातार हो रही बारिश के कारण न केवल बिजली और यातायात व्यवस्था बाधित हुई है, बल्कि कई जगहों पर जनजीवन पूरी तरह से रुक गया है। प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटा हुआ है और नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे आवश्यक सावधानी बरतें।