नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र परीक्षा परिषद द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) इस बार पहले से ज्यादा बड़ी होगी, क्योंकि लगभग 4 लाख 75 हजार उम्मीदवारों ने इसके लिए आवेदन किया है। पिछले वर्ष की तुलना में यह संख्या करीब एक लाख अधिक है। यह बढ़ोतरी सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद देखी जा रही है, जिसमें शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया था।
राज्य परीक्षा परिषद के अनुसार, टीईटी परीक्षा 23 नवंबर को पूरे महाराष्ट्र में आयोजित की जाएगी। पहली से पांचवीं तक के शिक्षकों के लिए पेपर सुबह के सत्र में जबकि 6वीं से 8वीं तक के शिक्षकों के लिए दोपहर के सत्र में परीक्षा होगी। इस परीक्षा को सभी प्रबंधन, बोर्डों और माध्यमों के अनुदानित, गैर-अनुदानित विद्यालयों के शिक्षकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
टीईटी में गड़बड़ी रोकने के लिए पिछले वर्ष की तरह इस बार भी बायोमेट्रिक सत्यापन, फेस रिकग्निशन सिस्टम और एआई आधारित सीसीटीवी निगरानी जैसे तकनीकी उपाय किए जाएंगे। पिछले साल इन तकनीकों से मिली सफलता के बाद परिषद ने इन्हें और सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है ताकि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष रहे।
सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद न केवल नए उम्मीदवारों बल्कि पहले से कार्यरत शिक्षकों के लिए भी टीईटी उत्तीर्ण करना आवश्यक कर दिया गया है। यही कारण है कि इस साल परीक्षा में बड़ी संख्या में सक्रिय शिक्षक भी शामिल होंगे। परिषद ने समूह संसाधन केंद्र समन्वयक जैसे पदों के लिए भी टीईटी पास होना पात्रता मानदंड में शामिल किया है।