नागपुर न्यूज डेस्क: शहर में आवारा कुत्तों की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। गलियों और कॉलोनियों में झुंड के झुंड घूमते ये श्वान लोगों के लिए खतरा बन गए हैं। मनपा के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, हर दिन औसतन 26 नागरिक इनका शिकार बन रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल 2024 से जून 2025 के बीच करीब 11,873 लोगों को आवारा श्वानों ने काटा है। इनमें से 9,398 मामले अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक और 2,475 मामले अप्रैल से जून 2025 के बीच दर्ज हुए।
मनपा ने इस समस्या से निपटने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं। वर्ल्डवाइड वेटरनरी संगठन की मदद से शहर में 1 से 30 सितंबर तक चलाए गए विशेष अभियान में 20,309 श्वानों का टीकाकरण किया गया। इसके तहत मनपा ने श्वानों को पकड़ने और टीकाकरण के लिए वाहनों और औषधियों की व्यवस्था की, जबकि नागरिकों से गूगल फॉर्म के जरिए जानकारी लेकर संबंधित क्षेत्रों में टीमें भेजी गईं।
श्वानों की आबादी पर नियंत्रण के लिए दो साल पहले तीन एजेंसियों को नसबंदी की जिम्मेदारी दी गई थी। अब तक 56,997 श्वानों की नसबंदी की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद शहर में करीब 1.80 लाख आवारा कुत्ते मौजूद हैं। अब मनपा ने भांडेवाड़ी में 1.50 एकड़ में 5 करोड़ की लागत से नया डॉग शेल्टर होम बनाने का आदेश जारी किया है, जहां 240 घायल और बीमार श्वानों को रखने की सुविधा होगी।
इस बीच, आवारा श्वानों की बढ़ती संख्या पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने भी सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने मनपा की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए 23 अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। अदालत ने पूछा है कि जब नागरिक लगातार पीड़ित हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।