मुंबई, 6 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनी ज़ोहो ने वैश्विक दिग्गज गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए अपना नया AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) संचालित विजुअल कोलेबरेशन प्लेटफॉर्म 'वाणी' (Vani) लॉन्च कर दिया है। इसे सीधे तौर पर गूगल वर्कस्पेस, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स और ज़ूम जैसे विदेशी वर्कप्लेस उत्पादकता उपकरणों के प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जा रहा है।
'वाणी' का लॉन्च भारत सरकार के स्वदेशी तकनीकी प्लेटफॉर्मों को बढ़ावा देने के जोरदार अभियान के बीच हुआ है, जो इसे 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की भावना से जोड़ता है। यह नया प्लेटफॉर्म विशेष रूप से छोटी और मध्यम आकार की टीमों को विजुअल लर्निंग और सहज सहयोग (seamless collaboration) प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
'वाणी' के तीन मुख्य स्तंभ और एआई का एकीकरण
ज़ोहो के सह-संस्थापक और मुख्य वैज्ञानिक, श्रीधर वेम्बु ने 'वाणी' को "ऑल-इन-वन, विजुअल-फर्स्ट इंटेलिजेंट प्लेटफॉर्म" बताया है जो रचनात्मकता को बढ़ावा देता है। ज़ोहो के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म तीन मुख्य स्तंभों पर काम करता है:
विजुअलाइज़ (Visualize): जटिल चर्चाओं को स्पष्ट दृश्यों में बदलना।
कोलेबोरेट (Collaborate): टीमों के बीच सहयोग सुनिश्चित करना।
एक्ज़ीक्यूट (Execute): कार्यों को कुशलतापूर्वक निष्पादित करना।
ज़ोहो का दावा है कि 'वाणी' संज्ञानात्मक अधिभार (cognitive overload) को कम करता है और टीम के सदस्यों को एक-दूसरे के साथ बेहतर तालमेल बिठाने में मदद करता है।
प्रमुख विशेषताएँ और कार्यक्षमताएँ:
'वाणी' कई शक्तिशाली फीचर्स के साथ आता है जो इसे प्रतिस्पर्धा से अलग करते हैं:
अनंत व्हाइटबोर्ड (Infinite Whiteboard): यह एक विशाल कैनवास प्रदान करता है जहां बिना किसी पेज या स्लाइड सीमा के विचार-मंथन, प्रयोग और संरचना का निर्माण किया जा सकता है।
गहरा AI एकीकरण: प्लेटफॉर्म पर जेनरेटिव एआई का उपयोग कंटेंट निर्माण, माइंड मैप्स और फ्लोचार्ट्स को तुरंत जनरेट करने के लिए किया जाता है। यह 'स्पेस' या किसी भी विजुअल एलिमेंट का सारांश (summarisation) भी प्रदान करता है।
विजुअल उपकरण: इसमें माइंड मैप्स, डायग्राम, फ्लोचार्ट्स, स्टिकी नोट्स और DB टेबल्स (डेटाबेस टेबल्स) शामिल हैं, जो परियोजना कार्यों और डेटा को विचारों के साथ संरचित रखने में मदद करते हैं।
इन-बिल्ट वीडियो मीटिंग: 'वाणी' के भीतर से ही वीडियो मीटिंग शुरू करने की सुविधा है, जिससे उपयोगकर्ताओं को टैब बदलने की आवश्यकता नहीं होती।
संरचित सहयोग: इसमें 'स्पेस' (फोल्डर की तरह) और 'ज़ोन्स' (उस फोल्डर के भीतर कैनवस) शामिल हैं, जो वास्तविक समय के सहयोग को सक्षम बनाते हैं।
वर्कफ़्लो: इस सुविधा के माध्यम से उपयोगकर्ता कार्यों को सौंप सकते हैं, समय सीमा (deadlines) निर्धारित कर सकते हैं और प्लेटफॉर्म से बाहर निकले बिना जवाबदेही को ट्रैक कर सकते हैं।
'स्वदेशी' पहल को सरकारी प्रोत्साहन
'वाणी' का लॉन्च उस पृष्ठभूमि में हुआ है जब सरकार स्वदेशी सॉफ्टवेयर उत्पादों को बड़े पैमाने पर अपनाने पर जोर दे रही है। हाल ही में, शिक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक ज्ञापन जारी कर सरकारी अधिकारियों को आधिकारिक दस्तावेज़ों, स्प्रेडशीट और प्रस्तुतियों के प्रबंधन के लिए ज़ोहो ऑफिस सूट को अपनाने के लिए कहा था। मंत्रालय ने इस कदम को "स्वदेशी आंदोलन में एक साहसिक कदम" बताया था। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी सार्वजनिक रूप से ज़ोहो के उत्पादों का उपयोग और प्रचार कर चुके हैं।
कीमत और ज़ोहो के अन्य स्वदेशी प्रयास
ज़ोहो की योजना छोटे से मध्यम आकार की टीमों को सरल ऑनबोर्डिंग के साथ लक्षित करने की है। ज़ोहो वर्कप्लेस पैकेज, जिसमें 'वाणी' भी शामिल है, की कीमत 399 रुपये प्रति माह से शुरू होती है। इस पैकेज में 1 टीबी पूल्ड स्टोरेज और प्रति अतिरिक्त उपयोगकर्ता के लिए 100 जीबी स्टोरेज शामिल है।
'वाणी' के अलावा, ज़ोहो ने हाल ही में भारतीय मैसेजिंग ऐप 'अरट्टाई' (Arattai) भी लॉन्च किया है, जो व्हाट्सएप को टक्कर देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये दोनों प्लेटफॉर्म देश में विदेशी तकनीकी एकाधिकार को तोड़ने की दिशा में ज़ोहो के महत्वाकांक्षी प्रयासों को रेखांकित करते हैं।