Explainer: 9 करोड़ के ‘मुल्क’ ने क्यों उड़ाई अमेरिका-रूस की नींद? ट्रंप-पुतिन के बीच सवा घंटे फोन पर हुई बात

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Posted On:Thursday, June 5, 2025

दुनिया के कई देश आज अपनी न्यूक्लियर पावर को बढ़ाने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के दौरान यह खबर सामने आई कि भारतीय हमले में पाकिस्तान की एक परमाणु साइट को नुकसान पहुंचा है। इस खबर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ा दी क्योंकि परमाणु हथियारों से जुड़े किसी भी हादसे के परिणाम बहुत दूरगामी हो सकते हैं। इसी बीच ईरान ने एक ऐसा ऐलान किया, जिसने अमेरिका जैसी महाशक्ति की नींद उड़ा दी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच लगभग सवा घंटे की महत्वपूर्ण बातचीत भी हुई।

ईरान ने पूरा किया ‘न्यूक्लियर फ्यूल साइकल’

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने हाल ही में यह घोषणा की कि देश के वैज्ञानिकों ने ‘न्यूक्लियर फ्यूल साइकल’ को पूरा कर लिया है। इस तकनीकी उपलब्धि के बाद ईरान परमाणु ऊर्जा उत्पादन में पूरी स्वायत्तता हासिल कर सकता है। न्यूक्लियर फ्यूल साइकल वह प्रक्रिया है जिसमें यूरेनियम को खनन से लेकर परमाणु ऊर्जा उत्पादन तक के हर चरण से गुजरना होता है। इसमें यूरेनियम का संवर्धन (enrichment), ईंधन निर्माण, ऊर्जा उत्पादन और फिर इस ऊर्जा को स्टोर करने की तकनीक शामिल है।

इस तकनीक के हासिल होने का मतलब है कि ईरान अब अपनी परमाणु पावर प्लांट में बिजली बनाने के साथ-साथ उसे संग्रहित भी कर सकेगा। यह कदम ईरान को परमाणु संपन्न देशों की श्रेणी में ला सकता है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

क्यों बढ़ी अमेरिका-रूस की चिंता?

इस ऐलान के बाद अमेरिका और रूस दोनों की चिंता बढ़ गई क्योंकि न्यूक्लियर फ्यूल साइकल का इस्तेमाल केवल ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे परमाणु हथियार बनाने में भी उपयोग किया जा सकता है। यही कारण है कि ईरान का यूरेनियम संवर्धन जारी रखने का स्पष्ट संदेश अमेरिका और उसके सहयोगियों को चौंकाने वाला लगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनके संभावित समझौते के तहत वे ईरान को किसी भी तरह के यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं देंगे। इसी के बाद ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच करीब सवा घंटे तक फोन पर बातचीत हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को लेकर चर्चा की।

ट्रंप-पुतिन की बातचीत के मुख्य बिंदु

ट्रंप ने अपनी बातचीत के बारे में बताया कि उन्होंने पुतिन से कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए और इस बात पर दोनों एकमत हैं। पुतिन ने सुझाव दिया कि रूस ईरान के साथ संवाद करेगा ताकि इस समस्या का कोई निष्कर्ष निकाला जा सके। ट्रंप ने यह भी कहा कि ईरान इस मुद्दे पर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, लेकिन अमेरिका को जल्द ही एक स्पष्ट जवाब चाहिए।

इसके अलावा दोनों नेताओं ने यूक्रेन में रूस के एयरबेस पर हुए हमले और अन्य हमलों पर भी चर्चा की, हालांकि शांति स्थापित करने की कोई त्वरित उम्मीद अभी नहीं है।

अमेरिका क्यों विरोध करता है ईरान के परमाणु हथियार बनाने को?

अमेरिका और उसके सहयोगी ईरान के परमाणु हथियार विकसित करने के कड़े विरोधी हैं। उनका मानना है कि यदि ईरान के पास परमाणु हथियार आ गए तो यह पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति को अस्थिर कर देगा। इससे क्षेत्र में संघर्ष भड़कने का खतरा बढ़ जाएगा और परमाणु हथियारों की होड़ भी तेज हो जाएगी।

विशेषकर इजरायल, जो खुद एक परमाणु संपन्न देश है, ईरान के परमाणु हथियार विकास को एक बड़ा खतरा मानता है। इसके अलावा, अमेरिका को डर है कि ईरान की परमाणु क्षमता से उसका क्षेत्रीय प्रभाव कमजोर पड़ सकता है। यदि ईरान परमाणु हथियार बना लेता है, तो इससे सऊदी अरब और तुर्की जैसे अन्य देशों को भी परमाणु हथियार विकसित करने के लिए प्रेरणा मिल सकती है।

संभावित वैश्विक खतरे

विश्लेषकों का मानना है कि ईरान की परमाणु तकनीक या सामग्री आतंकवादी समूहों या अन्य देशों को भी पहुंच सकती है, जिससे वैश्विक सुरक्षा पर गंभीर संकट आ सकता है। ऐसे में यह खतरा केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैल सकता है।

निष्कर्ष

दुनिया आज परमाणु सुरक्षा और शांति के लिए सबसे नाजुक दौर से गुजर रही है। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच ईरान का यह परमाणु कदम, अमेरिका और रूस जैसे महाशक्तियों के बीच न केवल कूटनीतिक चर्चाओं को बढ़ावा दे रहा है बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी नए सवाल खड़े कर रहा है।

ट्रंप और पुतिन की बातचीत इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत हो सकती है, लेकिन इसके बावजूद, ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर वैश्विक स्तर पर तनाव कम होना फिलहाल मुश्किल लगता है। ऐसे में विश्व समुदाय के लिए जरूरी है कि वह मिलकर काम करे ताकि परमाणु हथियारों के प्रसार को रोका जा सके और विश्व को एक स्थिर और सुरक्षित जगह बनाया जा सके


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