मॉस्को/नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 4 दिसंबर से शुरू होने वाली भारत यात्रा से ठीक पहले, रूस और अमेरिका के बीच एक उच्च-स्तरीय मुलाकात और उसमें इस्तेमाल किया गया एक कूटनीतिक 'फैशन स्टेटमेंट' सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। 2 दिसंबर को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और दामाद जेरेड कुशनर ने क्रेमलिन में राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। इस बैठक में पुतिन के निवेश दूत (Investment Envoy) किरिल दिमित्रिएव भी मौजूद थे। यह हाई-प्रोफाइल मीटिंग जितनी राजनीतिक कारणों से महत्वपूर्ण थी, उससे कहीं ज्यादा दिमित्रिएव द्वारा पहनी गई एक खास जैकेट के कारण वायरल हो गई।
जैकेट पर लिखा था पुतिन का प्रसिद्ध कोट
पुतिन के निवेश दूत किरिल दिमित्रिएव ने मुलाकात के दौरान एक पफर जैकेट पहन रखी थी, जिस पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक प्रसिद्ध और बेबाक कोट (Quote) लिखा हुआ था। दिमित्रिएव की जैकेट पर मोटे अक्षरों में लिखा था: “Russia is not a country that is afraid of anything” (यानी, ‘रूस ऐसा देश नहीं है जो किसी भी चीज से डरता हो।’) यह कोट ऐसे समय में सामने आया है जब रूस यूक्रेन युद्ध में उलझा हुआ है और पश्चिमी देशों के कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। जैकेट पर लिखे इस कोट को कई सोशल मीडिया यूजर्स ने पश्चिमी दबाव के जवाब में एक साहसिक संदेश के रूप में देखा है।
एक दिन में मॉस्को में सोल्ड आउट हुई जैकेट
जैसे ही राष्ट्रपति पुतिन के दूत किरिल दिमित्रिएव की जैकेट की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, यह जैकेट रातों-रात सेंसेशन बन गई। इस 'डैशिंग' पफर जैकेट की लोकप्रियता इतनी तेज़ी से बढ़ी कि जानकारी के अनुसार, एक ही दिन में मॉस्को के बाजारों में इसका पूरा स्टॉक बिक गया। लोग इस जैकेट को रूस के राष्ट्रीय गौरव और दृढ़ता के प्रतीक के रूप में देख रहे थे।
कूटनीतिक मंच पर अनौपचारिक संदेश
यह पहली बार नहीं है जब रूसी अधिकारी या खुद राष्ट्रपति पुतिन ने कूटनीतिक मंचों पर अनौपचारिक तरीकों से कोई संदेश दिया हो। हालांकि, अमेरिकी डेलीगेशन के साथ हुई मुलाकात में निवेश दूत द्वारा इस तरह का साहसी कोट पहनना एक प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है।
पुतिन की भारत यात्रा (4 दिसंबर) से ठीक पहले हुई यह मुलाकात और उसके बाद जैकेट का वायरल होना, रूस की उस दृढ़ता को दिखाता है जिसे वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर बनाए रखना चाहता है। यह घटना दर्शाती है कि रूस, विशेष रूप से युद्ध और प्रतिबंधों के दौर में, न केवल अपने सैन्य और कूटनीतिक रुख पर कायम है, बल्कि अपनी राष्ट्रीय भावना को भी मजबूत संदेशों के जरिए व्यक्त कर रहा है।
भारत और रूस के बीच होने वाले 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में रक्षा, ऊर्जा और व्यापार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है, ऐसे में यह 'फैशन स्टेटमेंट' रूस के आत्मविश्वास और आत्म-निर्भरता के संदेश को रेखांकित करता है।