भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने इतिहास रच दिया है। कंपनी ने 15,000 मेगावाट से अधिक परिचालन क्षमता स्थापित कर भारत में अब तक की सबसे तेज और सबसे बड़ी उपलब्धि दर्ज की है।
AGEL की कुल परिचालन क्षमता अब 15,539.9 मेगावाट हो गई है, जो भारत की ग्रीन एनर्जी क्रांति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुकी है। यह उपलब्धि केवल ऊर्जा उत्पादन का आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह भारत के ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
उपलब्धि के पीछे है समर्पण और दूरदर्शिता
इस ऐतिहासिक क्षण पर AGEL के सीईओ आशीष खन्ना ने कहा,
“15,000 मेगावाट की सीमा पार करना केवल एक तकनीकी मील का पत्थर नहीं, बल्कि हमारी टीम के समर्पण, टेक्नोलॉजी और नेतृत्व की गहराई का प्रमाण है। यह उपलब्धि हमारे प्रमोटर श्री गौतम अडाणी की दूरदर्शी सोच और निवेशकों, भागीदारों व कर्मचारियों के अटूट समर्थन के बिना संभव नहीं थी।”
रिकॉर्ड-ब्रेकिंग ऊर्जा उत्पादन
कंपनी ने इस परिचालन क्षमता में तीन प्रमुख स्रोतों को सम्मिलित किया है:
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11,005.5 मेगावाट सोलर एनर्जी (सौर ऊर्जा)
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1,977.8 मेगावाट विंड एनर्जी (पवन ऊर्जा)
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2,556.6 मेगावाट हाइब्रिड एनर्जी (सौर-पवन मिश्रित)
इस तरह के ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स को इतनी बड़ी संख्या में विकसित कर AGEL भारत की पहली कंपनी बन गई है। इसके अलावा, कंपनी ने केवल 15 महीनों में 5,000 मेगावाट से अधिक की क्षमता जोड़ी है, जो इसके तीव्र विकास की गति को दर्शाता है।
वित्तीय वर्ष 2024–25 में ही कंपनी ने 3,309 मेगावाट की नई नवीकरणीय ऊर्जा जोड़ी है — जो एक साल में किसी भी भारतीय कंपनी द्वारा सबसे अधिक है।
खवड़ा प्रोजेक्ट: अंतरिक्ष से दिखने वाला ग्रीन एनर्जी प्लांट
गुजरात के कच्छ जिले के खवड़ा क्षेत्र में AGEL द्वारा दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा प्लांट बनाया जा रहा है।
इस परियोजना का क्षेत्रफल 538 वर्ग किलोमीटर है — जो पेरिस शहर से करीब पांच गुना बड़ा है। इतना ही नहीं, यह प्लांट अंतरिक्ष से भी दिखाई देगा।
अब तक इस प्लांट में 5,355.9 मेगावाट की क्षमता चालू हो चुकी है, और यह परियोजना कुल 30,000 मेगावाट की ऊर्जा क्षमता के साथ तैयार होगी। जब यह पूरी तरह से विकसित हो जाएगी, तो यह न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में हरित ऊर्जा का सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगी।
ESG फ्रेमवर्क में भी अग्रणी अडाणी ग्रीन
अडाणी ग्रीन एनर्जी का केवल उत्पादन में ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक ज़िम्मेदारियों (ESG - Environmental, Social, Governance) में भी प्रमुख स्थान है।
कंपनी को प्राप्त कुछ प्रमुख प्रमाणन:
इसके साथ ही, अडाणी ग्रीन को:
यह सब दर्शाता है कि अडाणी ग्रीन केवल ऊर्जा उत्पादन में नहीं, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में वैश्विक नेतृत्व कर रही है।
भविष्य का लक्ष्य: 2030 तक 50,000 मेगावाट
अडाणी ग्रीन एनर्जी का अगला लक्ष्य और भी महत्वाकांक्षी है। कंपनी ने वर्ष 2030 तक 50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
इसका उद्देश्य केवल भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्वच्छ, सस्ती और स्थायी ऊर्जा प्रदान करना है।
सीईओ आशीष खन्ना ने कहा,
“हमारा अगला पड़ाव 50,000 मेगावाट की क्षमता है। हम इस रास्ते पर उसी फोकस और तेज़ी से आगे बढ़ेंगे, जिससे भारत को दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी हब बनाया जा सके।”
निष्कर्ष: भारत की हरित क्रांति का अगुवा बना अडाणी ग्रीन
अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की यह उपलब्धि भारत के लिए केवल एक कॉर्पोरेट उपलब्धि नहीं, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता, पर्यावरण संरक्षण और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक नया अध्याय है।
15,539.9 मेगावाट की परिचालन क्षमता और खवड़ा जैसे विश्वस्तरीय प्रोजेक्ट के साथ अडाणी ग्रीन अब "मेक इन इंडिया" से आगे बढ़कर "लीड द वर्ल्ड" की ओर बढ़ रही है।
यह उपलब्धि न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए गौरव की बात है, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी देती है कि हरित भविष्य की राह भारत से होकर जाती है।