नागपुर न्यूज डेस्क: पूर्व राज्यमंत्री और अमरावती जिला मध्यवर्ती बैंक के अध्यक्ष बच्चू कड़ू को विभागीय सहनिबंधक द्वारा अध्यक्ष पद और संचालक पद से अयोग्य ठहराए जाने के आदेश पर अब मुंबई हाई कोर्ट से राहत मिली है। विभागीय सहनिबंधक के 13 मई 2025 को दिए गए फैसले को चुनौती देते हुए बच्चू कड़ू ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर देर शाम तक चली सुनवाई में न्यायाधीश अनिल पानसरे ने सहनिबंधक के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।
गौरतलब है कि सहनिबंधक ने न केवल कड़ू को तत्काल प्रभाव से अध्यक्ष पद से हटाया था, बल्कि बैंक की व्यवस्थापन समिति के शेष कार्यकाल तक किसी भी पद के लिए नामांकन, अनुमोदन, नियुक्ति या चुनाव में भाग लेने पर भी रोक लगा दी थी। कोर्ट में कड़ू की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएल खापरे और पीए कड़ू ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील एजी माटे और बैंक संचालक हरिभाऊ मोहोड समेत अन्य पक्षकारों की ओर से अधिवक्ता एचडी डांगरे उपस्थित रहे।
सुनवाई के दौरान विपक्षी पक्ष ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि बच्चू कड़ू को हाई कोर्ट में आने से पहले सहकार विभाग के मंत्री के पास अपील करनी चाहिए थी। लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि जब हाई कोर्ट पहले ही नासिक कोर्ट की सजा पर रोक लगा चुका है, तब सहनिबंधक का यह आदेश टिक नहीं सकता। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि पहले दी गई सजा पर रोक के चलते बच्चू कड़ू को चुनाव लड़ने से रोकना उचित नहीं है।
बता दें कि बच्चू कड़ू के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 353 और 504 के तहत नासिक के सकरवाडा थाने में केस दर्ज हुआ था। इस केस में उन्हें नासिक की विशेष अदालत ने एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने पर सजा पर रोक लग गई थी। इसी आधार पर बैंक के संचालकों ने सहनिबंधक से शिकायत की थी, जिनकी सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया गया था। अब हाई कोर्ट के फैसले के बाद बच्चू कड़ू को फिलहाल राहत मिल गई है।