मुंबई, 23 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें अंडों के सेवन को कैंसर के खतरे से जोड़ा जा रहा था। नियामक संस्था ने एक आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि इस तरह के दावे पूरी तरह से निराधार और भ्रामक हैं।
क्या था पूरा मामला?
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक रिपोर्ट वायरल हो रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि अंडों में 'नाइट्रोफ्यूरान' (Nitrofurans) जैसे कैंसरकारी तत्वों के अवशेष पाए गए हैं। इस खबर के फैलने के बाद उपभोक्ताओं के बीच डर का माहौल बन गया था और लोग अंडों के सेवन को लेकर संशय में थे।
FSSAI का पक्ष
FSSAI ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत में बिकने वाले अंडों की सुरक्षा की कड़ी निगरानी की जाती है। संस्था ने कहा:
- कड़े मानक: भारत में पशु मूल के भोजन (Animal Origin Food) के लिए एंटीबायोटिक अवशेषों की सीमा बहुत सख्त तय की गई है।
- निरीक्षण: देश भर से समय-समय पर नमूनों की जांच की जाती है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश नमूने सुरक्षा मानकों के अनुरूप पाए गए हैं।
- भ्रामक दावे: सोशल मीडिया पर जिस रिपोर्ट का हवाला दिया जा रहा है, वह वैज्ञानिक रूप से पुष्ट नहीं है और न ही वह किसी सरकारी लैब की अधिकृत रिपोर्ट है।
आहार विशेषज्ञों (Diet Experts) की राय: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अंडे प्रोटीन, विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे सस्ता और बेहतरीन स्रोत हैं। एम्स (AIIMS) और अन्य बड़े अस्पतालों के डाइटिशियन के अनुसार, संतुलित मात्रा में अंडे खाने से हृदय रोग या कैंसर जैसी बीमारियों का कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है। इसके विपरीत, यह मांसपेशियों के विकास और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।
सावधानी की सलाह:
हालांकि FSSAI ने अंडों को सुरक्षित बताया है, लेकिन विशेषज्ञों ने उपभोक्ताओं को कुछ सुझाव भी दिए हैं:
- अंडों को हमेशा अच्छी तरह पकाकर (Boiled or Cooked) खाएं।
- गंदे या टूटे हुए अंडे खरीदने से बचें।
- भरोसेमंद विक्रेताओं या प्रमाणित ब्रांडों से ही खरीदारी करें।
निष्कर्ष: FSSAI ने लोगों से अपील की है कि वे बिना जांचे-परखे सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली स्वास्थ्य संबंधी खबरों पर भरोसा न करें। अंडे पोषण का एक सुरक्षित जरिया हैं और इन्हें बिना किसी डर के आहार में शामिल किया जा सकता है।