नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में किसानों ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरकर सरकार को चुनौती दी। कर्जमाफी, भावांतर जैसी योजनाओं और अन्य मुद्दों को लेकर किसानों ने अमरावती से नागपुर तक ट्रैक्टर मार्च निकाला। इस दौरान नागपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) और नागपुर-वर्धा मार्ग को जाम कर दिया गया, जिससे घंटों तक यातायात बाधित रहा। अब इस पूरे आंदोलन को लेकर राज्य सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है।
इस आंदोलन का नेतृत्व प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और पूर्व मंत्री बच्चू कडू कर रहे थे। नागपुर के हिंगणा थाने में बच्चू कडू, पूर्व सांसद राजू शेट्टी समेत करीब दो हजार किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए सड़क पर धरना दिया। एफआईआर में कई धाराएं लगाई गई हैं, वहीं बच्चू कडू ने खुद कहा है कि उन्होंने किसानों के हक में आवाज उठाई है और अगर इसके लिए सजा मिलती है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
उधर, आंदोलन खत्म होने के बाद महाराष्ट्र सरकार भी अब सक्रिय हो गई है। सरकार ने किसान नेताओं से बातचीत कर 30 जून तक कर्जमाफी पर अंतिम निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। हालांकि, आंदोलनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद किसानों में नाराजगी गहराई है। उनका कहना है कि किसानों की बात उठाना कोई अपराध नहीं है।
ट्रैक्टर मार्च के दौरान बच्चू कडू ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद सड़क खाली कराई गई और आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की गई। बावजूद इसके, इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर किसान आंदोलन की गूंज तेज कर दी है।