नागपुर न्यूज डेस्क: अकोला जिले में जन्म प्रमाण पत्र घोटाले के मामले में नायब तहसीलदार द्वारा देरी से जारी किए गए 6,000 जन्म प्रमाण पत्रों को रद्द करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने शनिवार को अकोला में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
सोमैया ने बताया कि उन्होंने जिला कलेक्टर अजीत कुंभार से मुलाकात कर इस घोटाले में प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई की जानकारी ली है। बताया गया कि जिले में कुल 17,000 जन्म प्रमाण पत्र के आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 6,000 प्रमाण पत्र नायब तहसीलदार द्वारा देरी से जारी किए गए थे। अब इन्हें रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है।
सोमैया ने कहा कि शेष 9,000 आवेदनों का दोबारा सत्यापन किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके। उन्होंने प्रशासन से इस मामले में पारदर्शिता बरतने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
इस मौके पर विधायक वसंत खंडेलवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष किशोर मंगते पाटिल, जयंत मस्ने और पूर्व महापौर विजय अग्रवाल सहित अन्य स्थानीय नेता भी मौजूद थे। सभी ने मामले की निष्पक्ष जांच और घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।