नागपुर न्यूज डेस्क: राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर बीते वर्ष विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हुए कथित हमले को ‘फर्जी’ माना गया है। ग्रामीण पुलिस ने न्यायालय में बी-फाइनल रिपोर्ट दायर की है और फोरेंसिक जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि देशमुख पर कोई जानलेवा हमला हुआ ही नहीं था।
मामला नवंबर 2024 का है, जब उनके बेटे सलिल देशमुख के चुनाव प्रचार के दौरान अनिल देशमुख पारडसिंगा से काटोल जा रहे थे। उनके पीए उज्ज्वल भोयर की शिकायत के अनुसार बेलफाटा टर्निंग पर 4 अज्ञात हमलावरों ने गाड़ी पर पथराव किया था। इसके चलते देशमुख के माथे पर चोट आई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने इस मामले में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था।
हालांकि, फोरेंसिक जांच में तीन स्तर पर घटना का विश्लेषण किया गया। जांच में यह पाया गया कि जिस एसयूवी में देशमुख सवार थे, उसमें रीइन्फोर्स्ट ग्लास लगा था। अगर पत्थर से हमला हुआ होता तो कांच के तीखे टुकड़ों से चोट लगती, लेकिन विंडशील्ड केवल चटका हुआ था और कार के अंदर कोई कांच का टुकड़ा नहीं गिरा। चोटों का स्वरूप भी कथित पथराव से मेल नहीं खाता।
पुलिस ने घटनास्थल पर पत्थर जब्त कर, 5-6 किलोमीटर तक के सीसीटीवी फुटेज और नियंत्रित परिस्थितियों में गाड़ी का पुनर्निर्माण किया, लेकिन हमलावरों के कोई सबूत नहीं मिले और घटना की शिकायत में दिए गए विवरण फोरेंसिक निष्कर्ष से मेल नहीं खाए। इस आधार पर ग्रामीण पुलिस ने बी-फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर मामले को बंद करने की सिफारिश की है।