नागपुर न्यूज डेस्क: कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। कई बच्चों की किडनी में संक्रमण फैल गया है, और कुछ अब भी जिंदगी और मौत के बीच अस्पताल में जूझ रहे हैं। इस गंभीर हालात को देखते हुए सीएम मोहन यादव ने बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य सरकार उन सभी बच्चों के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी, जो इस दूषित सिरप से बीमार हुए हैं। इसके लिए छिंदवाड़ा प्रशासन ने एक विशेष टीम का गठन किया है।
फिलहाल अस्पताल में नौ बच्चे भर्ती हैं, जबकि अब तक 15 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। इलाजरत बच्चों में नौ छिंदवाड़ा और दो बैतूल के बताए जा रहे हैं। इन सभी का इलाज नागपुर के अस्पतालों में चल रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य शासन को निर्देश दिया है कि बच्चों के इलाज की हर संभव व्यवस्था की जाए और किसी भी तरह की लापरवाही न हो।
सरकार ने बच्चों के बेहतर इलाज के लिए नागपुर के कई अस्पतालों में प्रशासनिक अफसरों और डॉक्टरों की संयुक्त टीम तैनात की है। जीएमसी अस्पताल में डेप्युटी कलेक्टर राहुल पटेल और डॉ. बसंत शर्मा, जबकि कलर्स, गेटवे और न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल में रामाकांत चौकसे और डॉ. महिपति यादव की जिम्मेदारी तय की गई है। वहीं एम्स नागपुर में मोहित बोरकर और डॉ. सुशील दुबे बच्चों के इलाज की देखरेख करेंगे।
बच्चों की मौत के बाद सीएम मोहन यादव खुद छिंदवाड़ा पहुंचे थे। उन्होंने वहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और पूरी घटना की जानकारी ली। सीएम ने आश्वासन दिया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और बच्चों को सर्वोत्तम इलाज दिलाने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है।