नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर देवेंद्र फडणवीस ने महायुति गठबंधन की ओर से शपथ ली है। रविवार को नागपुर में हुए शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राज्य के 39 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री फडणवीस के स्वागत के लिए बड़ी रैली का आयोजन किया गया था, जिसमें कई लोग शामिल हुए थे। हालांकि, इस रैली के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह से पहले आयोजित रैली में 30 से अधिक लोग अपने बटुए और अन्य सामान खोने की शिकायत लेकर पुलिस थाने पहुंचे। शिकायतों के आधार पर राणा प्रताप नगर, सोनेगांव और बजाज नगर पुलिस थानों में अज्ञात जेबकतरों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 31 शिकायतों के बाद एक गिरोह के 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी कथित तौर पर लोगों से नकद राशि, मोबाइल फोन और सोने की चेन जैसी कीमती वस्तुएं चुराते थे। एक पुलिस अधिकारी की भी सोने की चेन गायब हो गई। मामले की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज की छानबीन की जा रही है और पुलिस ने अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं।
राज्य के शपथ ग्रहण समारोह में इस बार 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, जो कि 33 साल बाद हुआ था। इससे पहले, 1991 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुधाकरराव नाईक के शासनकाल में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था। इस शपथ ग्रहण समारोह में कई महत्वपूर्ण चेहरे शामिल थे, जिनमें देवेंद्र फडणवीस सरकार के मंत्रियों का भी समावेश था।
राज्यपाल सी. सुब्रह्मणियम ने इन सभी मंत्रियों को शपथ दिलाई। दिलचस्प बात यह है कि 1991 में नाईक सरकार में शामिल हुए छगन भुजबल अब इस नई सरकार का हिस्सा नहीं हैं। भुजबल को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है। इससे पहले, भुजबल और राजेंद्र गोले जैसे बागी नेताओं को नाईक ने अपनी सरकार में शामिल किया था, लेकिन अब उनका इस बार के मंत्रिमंडल में कोई स्थान नहीं है।
1991 में जब सुधाकरराव नाईक मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने शिवसेना के बागी नेताओं को कांग्रेस के साथ मिलाकर अपनी सरकार में शामिल किया था। बाद में, विधानसभा अध्यक्ष ने शिवसेना के बागी नेताओं के समूह को कांग्रेस में विलय करने की मंजूरी दी थी, जिससे सरकार के गठबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव आए थे।