नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर में आवारा कुत्तों का बढ़ता आतंक लोगों की परेशानी का बड़ा कारण बन गया है। इस मामले में मनपा अधिकारी पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। यही वजह है कि बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए मनपा के 23 अधिकारियों को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने साफ कहा है कि बताइए आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। अब सभी अधिकारियों को 9 सितंबर तक जवाब देना होगा।
दरअसल, हाईकोर्ट ने पहले ही 2002 और फिर 2022 में आदेश जारी किए थे। इनमें आवारा कुत्तों को पकड़ने, उन्हें सड़क पर खाना खिलाने पर रोक लगाने और घरों में पालतू जानवरों को नियंत्रित रखने के निर्देश शामिल थे। लेकिन इन आदेशों का पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से शहर में आवारा कुत्तों का उपद्रव लगातार बढ़ता चला गया।
यही वजह रही कि इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की गई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि अब सिर्फ सलाह नहीं दी जाएगी, बल्कि जिम्मेदार अफसरों की जवाबदेही तय होगी। मनपा ने जो सूची कोर्ट को सौंपी है, उसमें अतिरिक्त आयुक्त, पशु चिकित्सा अधिकारी और 10 ज़ोन के सहायक आयुक्त समेत वरिष्ठ अधिकारियों के नाम हैं।
सिर्फ मनपा ही नहीं, कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों की सूची भी मांगी थी। इस पर पुलिस कमिश्नर ने जानकारी दी कि संबंधित पुलिस अधिकारियों को भी नोटिस थमा दिए गए हैं। अब देखना होगा कि 23 अफसर कोर्ट में क्या जवाब देते हैं और आखिर कब तक शहर को आवारा कुत्तों की समस्या से निजात मिलती है।