नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर जंक्शन, जो महाराष्ट्र का प्रमुख रेलवे हब है, पर रोजाना हजारों यात्री तत्काल टिकट के लिए कतारों में खड़े रहते हैं। हालांकि, दलालों और फर्जी बुकिंग की वजह से असली यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए भारतीय रेलवे ने 6 दिसंबर से एक बड़ा कदम उठाया है। मध्य रेलवे ने घोषणा की है कि कुछ प्रमुख ट्रेनों में तत्काल टिकट बुकिंग अब ओटीपी-आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली से होगी।
नई प्रणाली कम्प्यूटरीकृत पीआरएस काउंटर, अधिकृत एजेंट और आईआरसीटीसी वेबसाइट/एप के माध्यम से बुक किए जाने वाले तत्काल टिकटों पर लागू होगी। बुकिंग के समय यात्रियों के मोबाइल नंबर पर वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाएगा और केवल सत्यापित ओटीपी के बाद ही टिकट जारी किया जाएगा। नागपुर जंक्शन पर रोजाना 500-600 तत्काल टिकट बुक होते हैं, इसलिए यह कदम यात्रियों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा। इससे दिल्ली, पुणे, हावड़ा और हैदराबाद जैसी प्रमुख यात्रा गंतवियों पर जाने वाले यात्रियों को फायदा मिलेगा।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस उपाय का मुख्य उद्देश्य तत्काल टिकट कोटे में पारदर्शिता बढ़ाना, दुरुपयोग रोकना और वास्तविक यात्रियों को प्राथमिकता देना है। नागपुर जैसे व्यस्त स्टेशनों पर दलालों की सक्रियता आम यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनती है। ओटीपी सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा कि केवल वास्तविक यात्री ही टिकट बुक कर सकें। यह सुविधा रेलवे के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें जुलाई से ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार आधारित वेरिफिकेशन और नवंबर से काउंटर बुकिंग पर पायलट प्रोजेक्ट शामिल है।
6 दिसंबर से इस सुविधा का पालन निम्नलिखित ट्रेनों में होगा, जिनमें कई नागपुर जंक्शन या आसपास के स्टेशनों से गुजरती या समाप्त होती हैं: एलटीटी-सिकंदराबाद, पुणे-हावड़ा, सीएसएमटी-हावड़ा, पुणे-हजरत निजामुद्दीन, नागपुर-सिकंदराबाद वंदे भारत, पुणे-हुबली वंदे भारत, पुणे-हैदराबाद शताब्दी, सीएसएमटी मुंबई-हजरत निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस समेत अन्य प्रमुख ट्रेनों में तत्काल टिकट अब ओटीपी वेरिफिकेशन पर निर्भर होंगे।