नागपुर न्यूज डेस्क: गुजरात सरकार ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन से जुड़े नौ मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है। इन मामलों की जांच पूरी हो चुकी थी और आरोपपत्र भी दाखिल किए जा चुके थे। सरकार के इस कदम से पाटीदार आंदोलन से जुड़े कई युवाओं को राहत मिलेगी।
सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए हार्दिक पटेल ने भाजपा सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनके और अन्य पाटीदार युवाओं के खिलाफ दर्ज देशद्रोह समेत अन्य मामलों को वापस लेना एक सकारात्मक पहल है। हार्दिक ने बताया कि इस फैसले से लगभग 30 से 35 युवाओं को सीधा लाभ मिलेगा। गौरतलब है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल हो गए थे।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के पूर्व सदस्य दिनेश बंभानिया के मुताबिक, नौ मामलों की वापसी के बावजूद अभी भी करीब 50 मामले लंबित हैं। उन्होंने बताया कि 2015 के पाटीदार आंदोलन के दौरान सैकड़ों युवाओं पर विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें से कुछ अब भी कानूनी प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।
25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद में पाटीदार समुदाय की महारैली के बाद राज्यभर में हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने हार्दिक पटेल और उनके तीन साथियों को गिरफ्तार कर उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124A (देशद्रोह) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था। सूरत पुलिस ने भी हार्दिक पटेल के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया था।