नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र सरकार ने एक अहम फैसले में मंगलवार को मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देने की घोषणा की। कैबिनेट बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई, जिसकी जानकारी मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने मंत्रालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। इस मौके पर विधायक महेश बालदे और उनके भाई कोलीबांधव भी मौजूद रहे। राणे ने कहा कि मछली पालन न सिर्फ प्रोटीन युक्त आहार की आपूर्ति करता है, बल्कि देश को विदेशी मुद्रा अर्जित करने में भी मदद करता है।
मंत्री राणे ने बताया कि इस फैसले से राज्य के करीब 4.83 लाख मछुआरों को फायदा मिलेगा। जैसे किसानों को खेती के लिए बीज, ट्रैक्टर और खाद पर सब्सिडी मिलती है, वैसे ही अब मछुआरों को भी मछली के बीज, खाना, वॉटर एरेटर और अन्य जरूरी उपकरणों पर सब्सिडी मिलेगी। इस कदम से मत्स्य पालन क्षेत्र को नई पहचान और आर्थिक सहायता मिल पाएगी।
सरकार अब मछुआरों को प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राहत पैकेज देने की दिशा में भी काम कर रही है। मंत्री राणे ने कहा कि जैसे खेती में फसल बीमा दिया जाता है, उसी तरह मछुआरों को भी मछली उत्पादन में नुकसान होने पर बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा। यह निर्णय मछली पालन को और प्रोत्साहन देगा और मछुआरों की स्थिति को मजबूत करेगा।