नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर में सड़क हादसों के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। पुलिस आयुक्त रविंद्र कुमार सिंघल ने यातायात विभाग को दुर्घटना स्थलों का निरीक्षण कर कदम उठाने का निर्देश दिया था, लेकिन हादसों पर अंकुश लगाने में विभाग असफल रहा। पिछले साल 2024 में 1,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 345 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इस साल की शुरुआत में भी हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। हाल ही में कोराडी थाना क्षेत्र में हुए हादसे में 2 साल की बच्ची की मौत हो गई।
पहली घटना में, बुधवार को कोराडी इलाके में एक कार रिवर्स लेते समय 2 साल की मासूम बच्ची साधना अरुण उइके कार की चपेट में आ गई। गंभीर चोटों के चलते उसे तुरंत मेयो अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची के पिता अरुण उइके की शिकायत पर पुलिस ने वाहन चालक राजेश हरकू (35) के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस यह जांच कर रही है कि दुर्घटना के वक्त वाहन कौन चला रहा था।
दोपहर करीब ढाई बजे इमले दंपति की कार (एमएच-49/सीडी-9971) के चालक ने लापरवाही से वाहन को रिवर्स लिया, जिसके पीछे खेल रही साधना चपेट में आ गई। हादसे के बाद वहां मौजूद लोग मदद के लिए दौड़े, लेकिन मासूम की जान नहीं बचाई जा सकी।
पुलिस का कहना है कि इन मामलों की रोकथाम के लिए यातायात नियमों का सख्ती से पालन और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। सड़क सुरक्षा को लेकर विभाग की नाकामी और बढ़ती दुर्घटनाओं के आंकड़े नागपुर के निवासियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।