नागपुर न्यूज डेस्क: अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली 17 साल बाद आज नागपुर जेल से बाहर आ गए हैं। उन्हें 2007 में शिवसेना नेता कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उनकी जमानत मंजूर की, जिसके बाद बुधवार को गवली बेल पर नागपुर सेंट्रल जेल से रिहा हुए।
नागपुर पुलिस की कड़ी सुरक्षा में अरुण गवली की रिहाई हुई। बताया जा रहा है कि पुलिस उन्हें नागपुर के बाबासाहेब अंबेडकर एयरपोर्ट तक लेकर गई और फिर विमान से मुंबई के लिए रवाना किया गया। गवली, जो 2004 में मुंबई की एक विधानसभा सीट से विधायक भी चुने जा चुके हैं, ने हत्या के मामले में लंबी जेल अवधि काटी है।
अरुण गवली को 2007 में हुई हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था और मुंबई सत्र न्यायालय ने 2012 में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्हें नागपुर सेंट्रल जेल में रखा गया। समय-समय पर उन्होंने उच्च न्यायालयों का रुख किया और सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत के लिए याचिका दायर की।
पिछले हफ्ते 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने गवली को जमानत दी। अदालत ने उनकी उम्र (73 साल) और 18 साल की सजा अवधि को देखते हुए इस फैसले को मंजूर किया। इस कदम के बाद 17 साल बाद अरुण गवली ने जेल की सलाखों से बाहर कदम रखा।