नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने अपने विवादित बयान को लेकर मचे सियासी घमासान पर सफाई दी है और राज्य सरकार पर पलटवार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बयान को जानबूझकर तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया ताकि जनता को गुमराह किया जा सके। मीडिया पर भी अधूरी बात दिखाने का आरोप लगाते हुए वडेट्टीवार ने इसे सरकार की विफलता से ध्यान भटकाने की साजिश बताया।
विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब वडेट्टीवार ने एक हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवादियों ने पहले धर्म पूछा, फिर गोली मारी। इस बयान पर सत्ताधारी नेताओं, खासकर नितेश राणे ने तीखी आलोचना की। जवाब में वडेट्टीवार ने स्पष्ट किया कि उनका बयान आतंकवाद की साजिश और पाकिस्तान के हस्तक्षेप की ओर इशारा करता था, न कि किसी धर्म विशेष पर। उन्होंने दोहराया कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता और उनका मकसद भारत में नफरत और अस्थिरता फैलाना है।
इसके साथ ही वडेट्टीवार ने नाशिक के पालकमंत्री पद को लेकर पार्टी में बढ़ते मतभेद और शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच की भी मांग की। उन्होंने राज्य सरकार को भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता से घिरा बताते हुए कहा कि मौजूदा सरकार एकजुट होकर काम करने में पूरी तरह नाकाम रही है। मीडिया से उन्होंने अपील की कि वे उनका पूरा बयान जनता के सामने रखें और अगर किसी को उनकी बातों से ठेस पहुंची हो तो वह खेद प्रकट करते हैं।