अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय प्रोडक्ट्स पर राष्ट्रीय आपातकाल का हवाला देते हुए लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ अब अमेरिकी संसद के निशाने पर आ गए हैं। अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के तीन प्रमुख डेमोक्रेट सांसदों ने भारतीय आयात पर लगाए गए 50 फीसदी तक के शुल्क को रोकने की पहल की है, जिसे ट्रंप की आर्थिक नीतियों के खिलाफ एक बड़ी बगावत के तौर पर देखा जा रहा है।
टैरिफ लगाने के फैसले को खत्म करने के लिए तीन डेमोक्रेट सांसदों ने एक प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव शुक्रवार को डेबोरा रॉस, टेक्सास के प्रतिनिधि मार्क वीजी और इलिनॉय के प्रतिनिधि राजा कृष्णमूर्ति ने संयुक्त रूप से पेश किया।
टैरिफ और आपातकालीन आदेश का मकसद
इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य उस राष्ट्रीय आपातकालीन आदेश को समाप्त करना है, जिसके तहत भारत से आने वाले कई प्रोडक्ट्स पर पहले 25 फीसदी और फिर अतिरिक्त 25 फीसदी सेकेंडरी ड्यूटी लगाकर कुल टैरिफ 50 फीसदी तक पहुंचा दिया गया था।
यह टैरिफ अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम (IEEPA) के तहत लगाया गया था। इस प्रस्ताव के चलते अब सांसद राष्ट्रपति ट्रंप पर इन विवादित टैरिफ को वापस लेने के लिए भारी दबाव बना रहे हैं।
व्हाइट हाउस ने इन अतिरिक्त शुल्कों को लगाने का कारण बताया था कि भारत रूस से तेल खरीदता है। अमेरिका का तर्क है कि भारत के रूस से तेल खरीदने से अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध प्रयासों को समर्थन मिलता है, जिसके चलते यह आर्थिक कदम उठाना आवश्यक था।
सांसदों का टैरिफ पर कड़ा विरोध
डेमोक्रेट सांसदों ने ट्रंप के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उनका तर्क है कि यह फैसला न तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के हित में है और न ही आम उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद।
सांसदों ने इन टैरिफ को अवैध और अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक बताते हुए कहा कि ये कदम अमेरिकी कामगारों, उपभोक्ताओं और अमेरिका-भारत के संबंधों को नुकसान पहुंचाते हैं।
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कांग्रेसवुमन रॉस (डेबोरा रॉस): उन्होंने कहा कि नॉर्थ कैरोलाइना की अर्थव्यवस्था भारत से गहराई से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियों ने उनके राज्य में $1 बिलियन से अधिक का निवेश किया है और लाइफ साइंसेज तथा टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा की हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ये टैरिफ नौकरियों को खतरे में डालते हैं।
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कांग्रेसमैन वीजी (मार्क वीजी): उन्होंने भारत को अमेरिका का एक अहम सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदार बताया। उन्होंने कहा, "ये अवैध टैरिफ नॉर्थ टेक्सास के आम लोगों पर टैक्स की तरह हैं, जो पहले से ही हर स्तर पर महंगाई से जूझ रहे हैं।"
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सांसद राजा कृष्णमूर्ति: भारतीय-अमेरिकी सांसद ने कहा कि इस टैरिफ रणनीति से अमेरिकी हितों या सुरक्षा को बढ़ावा मिलने के बजाय, सप्लाई चेन बाधित होती है और अमेरिकी मजदूरों को नुकसान होता है।
अगर यह प्रस्ताव अमेरिकी संसद में पारित हो जाता है, तो 6 अगस्त 2025 को घोषित राष्ट्रीय आपातकाल को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया जाएगा, और भारतीय आयात पर लगाए गए सभी अतिरिक्त शुल्क भी वापस ले लिए जाएंगे।