अब इनकम टैक्स फाइल करना होगा और भी आसान, ई-पोर्टल पर आया है बड़ा अपडेट

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Posted On:Friday, December 26, 2025

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए ई-फाइलing पोर्टल पर एक नया फीचर जोड़ा है। इस बदलाव के तहत, अब ट्रांसफर प्राइसिंग (TP), डिस्प्यूट रेजोल्यूशन पैनल (DRP) और रिवीजन ऑर्डर्स (धारा 263 और 264) में होने वाली स्पष्ट गलतियों को सुधारने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा।

1. क्या है यह नया बदलाव?

अक्सर टैक्स ऑर्डर्स में गणना की गलती, टाइपिंग एरर या किसी डेटा के छूट जाने जैसी स्पष्ट गलतियां रह जाती हैं। पहले, इन विशेष ऑर्डर्स (जैसे रिवीजन या TP ऑर्डर) में सुधार के लिए कोई स्पष्ट ऑनलाइन मार्ग नहीं था। टैक्सपेयर्स को असेसिंग ऑफिसर (AO) को मैन्युअली अर्जी देनी पड़ती थी। अब इसे पूरी तरह सेंट्रलाइज्ड और डिजिटल बना दिया गया है।

2. किन ऑर्डर्स पर लागू होगा यह नियम?

इस नए फीचर का लाभ मुख्य रूप से इन जटिल मामलों में मिलेगा:

  • ट्रांसफर प्राइसिंग (TP) ऑर्डर: बहुराष्ट्रीय कंपनियों और संबंधित संस्थाओं के बीच होने वाले लेन-देन से जुड़े आदेश।

  • DRP (डिस्प्यूट रेजोल्यूशन पैनल) के निर्देश: कर विवादों के निपटारे के लिए दिए गए निर्देश।

  • रिवीजन ऑर्डर: धारा 263 (विभाग के हित में संशोधन) और धारा 264 (टैक्सपेयर को राहत देने के लिए संशोधन) के तहत जारी आदेश।

3. आवेदन की प्रक्रिया: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

यदि आपके टैक्स ऑर्डर में कोई स्पष्ट गलती है, तो आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं:

  1. लॉगिन करें: सबसे पहले इनकम टैक्स के आधिकारिक ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं।

  2. सर्विसेज टैब: डैशबोर्ड पर मौजूद 'Services' टैब पर क्लिक करें।

  3. रेक्टिफिकेशन चुनें: ड्रॉपडाउन मेनू से 'Rectification' विकल्प का चयन करें।

  4. न्यू रिक्वेस्ट: इसके बाद 'Request to AO seeking rectification' विकल्प पर क्लिक करें।

  5. विवरण भरें: उस ऑर्डर का चयन करें जिसमें आप सुधार चाहते हैं और सुधार का कारण बताते हुए आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।


4. पहले क्या चुनौतियां थीं?

इस डिजिटल व्यवस्था से पहले, रेक्टिफिकेशन की प्रक्रिया काफी समय लेने वाली और अपारदर्शी थी। टैक्सपेयर्स को फिजिकल रूप से आवेदन जमा करना पड़ता था। कई बार आवेदन AO के पास लंबित पड़े रहते थे और उनकी ट्रैकिंग का कोई जरिया नहीं था। इससे टैक्सपेयर्स पर अनावश्यक जुर्माना या ब्याज का बोझ बढ़ जाता था क्योंकि सुधार में देरी होती थी।

5. इस बदलाव के मुख्य फायदे

  • पारदर्शिता और ट्रैकिंग: अब टैक्सपेयर अपनी अर्जी का स्टेटस ऑनलाइन देख सकते हैं कि वह किस स्तर पर लंबित है।

  • समय की बचत: डिजिटल आवेदन सीधे संबंधित अथॉरिटी के पास पहुंचता है, जिससे फाइल इधर-उधर घूमने में समय बर्बाद नहीं होता।

  • जवाबदेही: ऑनलाइन रिकॉर्ड होने के कारण अधिकारियों को तय समय सीमा के भीतर इन अर्जियों पर निर्णय लेना होगा।

  • त्रुटिहीन रिकॉर्ड: यह कदम टैक्सपेयर के डेटा को सटीक बनाने में मदद करेगा, जिससे भविष्य में नोटिस आने की संभावना कम होगी।


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