पटना: बिहार में नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के गठन की तैयारियां तेज हो गई हैं, और अगले 48 घंटे राज्य की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज (सोमवार) अपने वर्तमान कार्यकाल की आखिरी कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक के तुरंत बाद, उनके राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपने की संभावना है, जिससे राज्य में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो जाएगा। इस्तीफे के बाद, नीतीश कुमार नई सरकार के विधिवत गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते रहेंगे। राजनीतिक घटनाक्रम को गति देने के लिए, आज ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) दोनों प्रमुख घटक दलों की विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठकें भी प्रस्तावित हैं। इन बैठकों में गठबंधन के नेता का चुनाव किया जाएगा।
विधायक सूची सौंपी गई, आचार संहिता हटी
चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को नवनिर्वाचित विधायकों की आधिकारिक सूची सौंप दी है। बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल और भारत निर्वाचन आयोग के प्रधान सचिव अरविन्द आनंद ने राजभवन में राज्यपाल से मिलकर यह सूची प्रदान की। इसके बाद, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बिहार में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से समाप्त होने की घोषणा कर दी है।
आदर्श आचार संहिता हटने से अब सरकारी कामकाज में तेजी आने की उम्मीद है। अब राज्य सरकार सरकारी विज्ञापन जारी कर सकती है, नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है, और अधिकारियों के तबादले भी किए जा सकेंगे, जो चुनाव आचार संहिता के कारण रुके हुए थे।
गांधी मैदान में शपथ ग्रहण की तैयारी
बिहार की 18वीं विधानसभा के गठन और नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित होने की संभावना है। जिला प्रशासन ने समारोह की तैयारियों के मद्देनजर 17 नवंबर से 20 नवंबर तक गांधी मैदान में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित NDA शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद, NDA विधायकों की बैठक में उन्हें एक बार फिर से विधायक दल का नेता चुना जाएगा, जिसके बाद वे राज्यपाल के समक्ष नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए संवैधानिक अनिवार्यता के कारण 18वीं विधानसभा का गठन जल्द से जल्द आवश्यक है।
नई सरकार का फॉर्मूला तय
NDA गठबंधन में नई सरकार के गठन का फॉर्मूला भी लगभग तय हो चुका है। गठबंधन के सहयोगी दलों को भी नई सरकार में समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, 6 विधायकों पर एक मंत्री का फॉर्मूला सेट किया गया है। नई कैबिनेट में मुख्यमंत्री के अलावा 30 से अधिक मंत्री हो सकते हैं।
गठबंधन के छोटे सहयोगी दलों जैसे चिराग पासवान की पार्टी (जिसे एक उपमुख्यमंत्री पद मिलने की संभावना है), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के विधायकों को भी मंत्री पद मिल सकते हैं। यह भी चर्चा है कि पुरानी सरकार के 13 मंत्रियों में से कुछ प्रमुख चेहरे नई कैबिनेट में भी अपनी जगह बरकरार रख सकते हैं।