महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से चर्चित उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन ने अब ठोस रूप लेना शुरू कर दिया है। 24 दिसंबर को दोनों भाइयों की ओर से सियासी गठबंधन के ऐलान के बाद अब मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव को लेकर सीट बंटवारे की पहली बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, दादर इलाके के दो अहम वार्डों को लेकर दोनों दलों में सहमति बन गई है, जिसे गठबंधन की दिशा में पहला व्यावहारिक कदम माना जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि दादर स्थित मुंबई महानगरपालिका के वार्ड नंबर 192 को राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) को दिया गया है, जबकि वार्ड नंबर 194 उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के हिस्से में आया है। इस बंटवारे के साथ ही यह साफ हो गया है कि दोनों दल BMC चुनाव में आपसी टकराव से बचते हुए साझा रणनीति के तहत आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
MNS से पहला उम्मीदवार तय?
सीट बंटवारे के साथ ही राज ठाकरे की पार्टी की ओर से उम्मीदवार को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, वार्ड 192 से यशवंत किल्लेदार को MNS का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह आगामी BMC चुनाव के लिए MNS की ओर से घोषित पहला उम्मीदवार माना जाएगा। इससे यह संकेत भी मिल रहा है कि राज ठाकरे अब चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने के मूड में हैं।
गौरतलब है कि 2017 के BMC चुनाव में वार्ड 192 से ठाकरे गुट की प्रीति पाटणकर विजयी हुई थीं। ऐसे में यह सीट पहले शिवसेना के प्रभाव वाली मानी जाती रही है। अब इसी सीट को गठबंधन के तहत MNS को दिए जाने से राजनीतिक समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। यशवंत किल्लेदार के नाम की चर्चा को लेकर स्थानीय स्तर पर भी हलचल बढ़ गई है।
शिवसेना (यूबीटी) में नाराजगी के सुर
हालांकि सीट बंटवारे का यह फैसला शिवसेना (यूबीटी) के भीतर पूरी तरह सहजता से स्वीकार नहीं किया गया है। वार्ड 192 को MNS को दिए जाने से ठाकरे गुट की शिवसेना में नाराजगी देखने को मिल रही है। जानकारी के मुताबिक, स्थानीय शिवसैनिक और पदाधिकारी इस फैसले से असंतुष्ट हैं और वे इस मुद्दे को लेकर सीधे उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने की तैयारी कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि पूर्व नगरसेवक प्रकाश पाटणकर भी अन्य शिवसैनिकों के साथ ‘मातोश्री’ जाकर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे। उनका तर्क है कि जिस वार्ड में शिवसेना की पकड़ मजबूत रही है, उसे गठबंधन के नाम पर छोड़ना जमीनी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर डाल सकता है। यह नाराजगी आने वाले दिनों में गठबंधन के लिए एक आंतरिक चुनौती बन सकती है।
15 जनवरी को होंगे BMC समेत 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर माहौल पहले से ही गर्म है। राज्य में मुंबई महानगरपालिका (BMC) सहित कुल 29 महानगरपालिकाओं के चुनावों की घोषणा हो चुकी है। इन सभी में 15 जनवरी 2026 को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 16 जनवरी 2026 को की जाएगी। अकेले मुंबई महानगरपालिका में 227 वार्डों के लिए चुनाव होने हैं।
BMC का कार्यकाल 7 मार्च 2022 को समाप्त हो चुका है। इसके बाद से प्रशासकीय व्यवस्था के तहत कामकाज चल रहा है। पिछला BMC चुनाव साल 2017 में हुआ था, जिसमें अविभाजित शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और किशोरी पेडणेकर मेयर बनी थीं।
2017 के BMC चुनाव के नतीजे
2017 के चुनावी आंकड़े बताते हैं कि BMC की सियासत कितनी प्रतिस्पर्धी रही है। उस चुनाव में शिवसेना को 84 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी 82 सीटों के साथ बेहद करीब थी। कांग्रेस ने 31, NCP ने 9, MNS ने 7, समाजवादी पार्टी ने 6, AIMIM ने 2 और 5 सीटें निर्दलीयों के खाते में गई थीं।
अब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच हुआ गठबंधन इन पुराने समीकरणों को पूरी तरह बदल सकता है। सीट बंटवारे की शुरुआती सहमति से यह साफ है कि दोनों दल BMC चुनाव को गंभीरता से ले रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बाकी वार्डों को लेकर कैसी सहमति बनती है और यह गठबंधन जमीनी स्तर पर कितना प्रभावी साबित होता है।