नागपुर न्यूज डेस्क: मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ की सख्त टिप्पणी के बाद नगर विकास विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए यवतमाल जिले के वणी नगर परिषद की दुकानों की नीलामी से संबंधित पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। इस फैसले के चलते विभाग न्यायालय की अवमानना कार्रवाई से बचने में सफल रहा।
इस मामले में पीड़ित व्यापारियों ने नगर विकास विभाग से नीलामी के निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए 20 दिसंबर 2024 को आदेश दिया था कि इस आवेदन का निपटारा चार सप्ताह में किया जाए। इसके तहत विभाग ने 21 जनवरी 2025 को सुनवाई की, लेकिन फैसले को लटका दिया गया। लंबे समय तक निर्णय घोषित न करने के कारण 5 मार्च को उच्च न्यायालय ने विभाग को कड़ी फटकार लगाई और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के उल्लंघन की बात दर्ज की।
इसके बाद न्यायालय ने नगर विकास विभाग को 7 मार्च तक संतोषजनक स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया था, अन्यथा अवमानना कार्रवाई के लिए मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने की चेतावनी दी गई थी। इस चेतावनी के बाद नगर विकास विभाग ने त्वरित कदम उठाते हुए पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया, जिससे वह कानूनी कार्रवाई से बच सका।