भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है! 52 साल के लंबे इंतजार के बाद, भारत ने आखिरकार 2025 महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप की ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया है। रविवार को खेले गए रोमांचक फाइनल में, टीम इंडिया ने मेजबान साउथ अफ्रीका को 52 रन के अंतर से करारी शिकस्त दी और करोड़ों भारतीयों को जश्न मनाने का मौका दिया। यह जीत सिर्फ एक मैच की नहीं, बल्कि संघर्ष, दृढ़ता और सामूहिक भावना की कहानी है। इस जीत में सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल के शुरुआती दौर के प्रदर्शन का बड़ा योगदान था, जिन्होंने टूर्नामेंट में टीम को लगातार मजबूत आधार प्रदान किया था।
Good to see Pratika Rawal at the stadium 🏟️ #indwvssaw #CWC25 #INDvsSA #ICCWomensWorldCup2025 pic.twitter.com/Y4yz6hFHoR
— FTino (@FernadoTin10172) November 2, 2025
दर्द भूला, जीत का जश्न: प्रतिका का भावुक पल
टूर्नामेंट के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ मैच में फील्डिंग करते समय चोटिल होने के कारण प्रतिका रावल दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से वर्ल्ड कप से बाहर हो गई थीं। हालांकि, जीत के बाद मैदान पर जो दृश्य देखने को मिला, वह भारतीय क्रिकेट के सबसे भावुक पलों में से एक था। वर्ल्ड कप ट्रॉफी लेकर पूरी टीम जब जश्न मना रही थी, तब प्रतिका रावल व्हीलचेयर पर मैदान में आईं। अपनी टीम की ऐतिहासिक जीत से अभिभूत, रावल की खुशी साफ झलक रही थी। उनकी टीम की साथियों ने तुरंत उन्हें व्हीलचेयर से उठाकर अपने बीच में खड़ा किया। इस पल, दर्द और चोट को भुलाकर, प्रतिका ने व्हीलचेयर छोड़ दी और साथी खिलाड़ियों के साथ खुशी से झूम उठीं और जीत का जश्न मनाया। खिलाड़ियों ने उन्हें घेरकर डांस किया, जो दर्शाता है कि टीम ने प्रतिका की भागीदारी और शुरुआती योगदान को कितना महत्व दिया। प्रतिका रावल, व्हीलचेयर पर आईं और उन्होंने वर्ल्ड कप हासिल करने पर खुशी जताई। इसी बीच वो खड़े होकर भारतीय प्लेयर्स के साथ खुशी से झूमीं।
'यह फीलिंग मैं बता नहीं सकती': जीत पर प्रतिका की प्रतिक्रिया
मैच के बाद जश्न के माहौल में, प्रतिका रावल ने वर्ल्ड कप जीत पर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उनकी आवाज में गर्व और खुशी का मेल था: "मैं ये फीलिंग बता नहीं सकती। मेरे पास शब्द नहीं है। मेरे कंधे पर इस झंडे का बहुत महत्व है। इंजरी खेल का हिस्सा है, लेकिन मैं खुश हूं कि इसके बावजूद मैं जश्न का हिस्सा बन सकी। मुझे जो महसूस हो रहा है, मैं उसे बयां नहीं कर पा रही हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "हम बहुत लंबे समय में वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली टीम हैं। पूरा देश इसका हकदार है। सच बोलूं, तो खेलने से ज्यादा इसे देखना मुश्किल था।" प्रतिका का यह बयान दर्शाता है कि चोट के कारण बाहर बैठने का दर्द कितना गहरा था, लेकिन टीम की जीत ने उस दर्द को पूरी तरह मिटा दिया। कैप्टन हरमनप्रीत कौर के मास्टर स्ट्रोक्स और अमनजोत कौर के बेहतरीन 'थ्रो' जैसे सामूहिक प्रयासों से मिली यह जीत, भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक नया स्वर्णिम अध्याय है।