नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर में आवारा पशुओं और तबेलों की समस्या को लेकर जल्द ही राहत मिलने वाली है। नगर निगम का नंदग्राम प्रकल्प अगले 3 से 4 महीनों में पूरा हो जाएगा, जिसमें 3,460 पशुओं के लिए जगह और 122 पशुओं के लिए बड़े तबेले की व्यवस्था की जाएगी। वहीं शहर में कचरा प्रबंधन को लेकर भी कदम उठाए जा रहे हैं, और 31 दिसंबर तक वेस्ट प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी है। रविवार को जिला नियोजन भवन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि नागपुर शहर को रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन सुविधाओं में एक आदर्श मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा।
पालकमंत्री ने बताया कि शहर के विस्तार को देखते हुए परिवहन व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। मिहान, हिंगना, वाड़ी, कलमना और बूटीबारी जैसे क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए मनपा, एनएमआरडीए, मेट्रो और एसटी महामंडल की साझेदारी में एक नई परिवहन योजना तैयार की गई है। इसके तहत शहर और आसपास के 20 किलोमीटर क्षेत्र में 650 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 75 हजार घरकुल के लिए सर्वे पूरा कर लिया गया है।
जिलाधिकारी डॉ. विपिन कुमार इटनकर ने बताया कि जिले में भूमि स्वामित्व से जुड़े मामलों का समाधान तेजी से किया जा रहा है। सिंधी समाज से जुड़े भूखंड विवाद भी जल्द सुलझाए जा रहे हैं। अब तक 30 हजार से अधिक भूखंड पट्टे गरीबों को दिए जा चुके हैं। साथ ही, 15 हजार हेक्टेयर झुड़पी जंगल को मुक्त करने और नजूल जमीनों पर अधिकार देने की प्रक्रिया भी चल रही है। खेत-सड़क परियोजनाओं को फ्लाई ऐश से मजबूत बनाया जा रहा है ताकि ग्रामीण संपर्क बेहतर हो।
जिला परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनायक महामुनी ने बताया कि छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए 600 महिला बचत समूहों को एक-एक लाख रुपये की सहायता दी गई है। स्वास्थ्य, शिक्षा और कुपोषण नियंत्रण के क्षेत्र में भी कई नई पहलें की जा रही हैं। वहीं कोराडी क्षेत्र में अगरबत्ती और हैंडलूम उद्योग क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। एनएमआरडीए प्रमुख संजय मीणा ने बताया कि चार बड़े ट्रांसपोर्ट प्लाजा बनाए जाएंगे और शहर में 43 सड़कों के सुधार कार्य जल्द शुरू होंगे।