नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर शहर में घर-घर से कचरा उठाने के लिए फिलहाल दो एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन इनके काम को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। इसी वजह से अब जोन स्तर पर नई कचरा संकलन एजेंसियां नियुक्त करने की योजना बनाई जा रही है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। विधायक प्रवीण दटके ने बताया कि मनपा आयुक्त अगले तीन-चार दिनों में इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करेंगे।
बैठक में शहर के कई अन्य विकास कार्यों पर भी चर्चा हुई, जिनमें प्रन्यास और मनपा के रुके हुए प्रोजेक्ट, डीजल बसों को बंद करने की योजना, घनकचरा प्रबंधन और नाग नदी पुनरुद्धार परियोजना शामिल हैं। इस मौके पर विधायक कृष्णा खोपड़े, परिणय फुके, पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी और जिलाधिकारी विपिन इटनकर भी मौजूद रहे।
नाग नदी परियोजना के तहत जिन लोगों के घर प्रभावित होंगे, उनके पुनर्वास के लिए पूर्व नागपुर में स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चार एकड़ जमीन पर आवासीय कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने निर्देश दिए हैं कि इन नागरिकों को 500 वर्ग फुट के मकान दिए जाएं। नाग नदी परियोजना का सर्वे पूरा हो चुका है और काम शुरू करने के लिए प्रस्ताव जेआईसीए को भेजा गया है। जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी होंगे।
इसके अलावा, प्रन्यास के 407 लेआउट में विकास कार्य न होने की शिकायतों पर भी चर्चा की गई। गडकरी ने सरकार से 500 करोड़ रुपये की मांग कर मनपा को विकास कार्यों के लिए देने के निर्देश दिए। वहीं, प्रन्यास और मनपा के 70,000 भूखंडों को नजूल की तर्ज पर फ्रीहोल्ड करने का प्रस्ताव मुंबई भेजा गया है। इससे नागरिकों को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा और दोहरी टैक्स व्यवस्था से राहत मिलेगी।