नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। राज्य विद्युत विनियामक आयोग (एमईआरसी) ने घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक बिजली दरों में अगले पांच वर्षों में 26 प्रतिशत और पहले साल में 10 प्रतिशत की कटौती का आदेश दिया है। यह फैसला महावितरण की ओर से दरों में कटौती के लिए दायर याचिका पर दिया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे राज्य के इतिहास में पहला मौका बताया जब बिजली दरों में कमी के लिए खुद महावितरण ने प्रस्ताव रखा।
इस फैसले से सबसे ज़्यादा फायदा उन उपभोक्ताओं को होगा जो 100 यूनिट से कम बिजली की खपत करते हैं, जिनकी संख्या राज्य में करीब 70 प्रतिशत है। इसके साथ ही स्मार्ट मीटर वाले घरेलू उपभोक्ताओं को दिन के समय बिजली उपयोग करने पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट दी जाएगी। वहीं, घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा उत्पादन करने वालों को भी विशेष प्रोत्साहन देने की योजना बनाई गई है।
महावितरण द्वारा मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 को तेजी से लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा से दिन में बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। योजना की कुल क्षमता 16,000 मेगावाट रखी गई है और इससे किसानों को औसतन 3 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल सकेगी। योजना दिसंबर 2026 तक पूरी हो सकती है और इससे किसानों को खेती के लिए दिन में मुफ्त और सस्ती बिजली मिलेगी।
महावितरण का लक्ष्य 2030 तक राज्य की बिजली क्षमता को 81,000 मेगावाट तक पहुंचाना है। इसके लिए 45,000 मेगावाट की बिजली खरीद के समझौते किए जा चुके हैं, जिनमें से 31,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा स्रोतों से होगी। इससे राज्य को आने वाले पांच वर्षों में करीब 66,000 करोड़ रुपये की बचत होगी और बिजली की दरों को कम रखने में यह मददगार साबित होगा।