नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर में 17 मार्च को भड़की सांप्रदायिक हिंसा के मामले में सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किए गए 69 वर्षीय पूर्व सरकारी कर्मचारी मोहम्मद हामिद मोहम्मद हनीफ को सोमवार को सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने यह फैसला देते हुए कहा कि आरोपी बुजुर्ग हैं और जांच में अभी समय लगेगा, ऐसे में उन्हें जेल में रखना उचित नहीं होगा। जज एमबी ओझा ने अपने आदेश में लिखा कि आरोपी की उम्र को देखते हुए जेल में रहना उनके लिए और उनके परिवार के लिए तकलीफदेह हो सकता है।
अभियोजन पक्ष का कहना है कि हनीफ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए औरंगजेब की कब्र को लेकर टिप्पणी की थी, जिससे कथित तौर पर तनाव फैला। पुलिस के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज और पोस्ट ने नागपुर के कुछ इलाकों में हिंसा भड़काई। इसी आधार पर हनीफ पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। हालांकि, बचाव पक्ष ने दलील दी कि हिंसा की असली वजह कुछ संगठनों द्वारा की गई भड़काऊ नारेबाजी थी।
अदालत ने माना कि आरोपी लंबे समय से हिरासत में हैं और उनके भागने की आशंका नहीं है, क्योंकि वह पेंशनभोगी हैं। साथ ही, अभियोजन की ओर से ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया गया कि इससे पहले भी आरोपी किसी आपराधिक मामले में शामिल रहे हों। अदालत ने यह कहते हुए उन्हें 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी कि सख्त शर्तों के साथ जमानत देने से अभियोजन पक्ष को कोई नुकसान नहीं होगा।