नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली सुनीता जामगड़े अपने बेटे के साथ लद्दाख घूमने आई थीं, लेकिन 14 मई को कारगिल में रहस्यमयी तरीके से अचानक गायब हो गईं। सुनीता ने उस दिन अपने बेटे को होटल में छोड़कर बाहर गई थीं, लेकिन वापस लौटकर नहीं आईं। इस घटना से स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
कारगिल का इलाका लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) के बेहद करीब है, इसलिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस गायब होने की घटना को साधारण गुमशुदगी मानने से इंकार कर रही हैं। जांच में पता चला है कि सुनीता ने पहले भी सीमा पार करने की कई कोशिशें की थीं, जिनमें से एक बार उन्हें अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर रोका गया था। इससे उनकी हरकतों पर संदेह बढ़ गया है।
सुनीता अपने बेटे के साथ 9 मई को कारगिल पहुंची थीं और वे सीमा से लगे इलाकों में घूम रही थीं। 14 मई को अचानक गायब होने के बाद होटल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी और एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने सुनीता के मानसिक स्वास्थ्य, कॉल रिकॉर्ड, सोशल मीडिया गतिविधियों और उनकी पिछली यात्राओं की भी जांच शुरू कर दी है।
इस बीच, सुनीता का बेटा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC), लद्दाख की देखरेख में है। सुनीता की मां निर्मला ने बताया कि सुनीता पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान थीं और उनका इलाज भी चल रहा था। पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेकर हर पहलू की जांच कर रही है ताकि इस रहस्यमयी घटना का पर्दाफाश हो सके।