नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान मशहूर पाकिस्तानी शायर फैज़ अहमद फैज़ की नज़्म ‘हम देखेंगे’ पढ़ने पर विवाद खड़ा हो गया है। इस कार्यक्रम में दिवंगत अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता वीरा साठिदार को श्रद्धांजलि दी जा रही थी। लेकिन कार्यक्रम में पढ़ी गई कुछ कविताओं और दिए गए भाषणों को "देश की एकता के खिलाफ" और "भड़काऊ" बताया गया है। इस मामले में नागपुर के सिताबुल्दी पुलिस स्टेशन में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें वीरा साठिदार की पत्नी पुष्पा साठिदार का नाम भी शामिल है।
पुलिस को यह शिकायत स्थानीय निवासी दत्तात्रय शिरके ने दी थी। शिकायत में कहा गया है कि कार्यक्रम में पढ़ी गई नज़्म और कुछ बयानों में सरकार और व्यवस्था के खिलाफ भावनाएं भड़काने की कोशिश की गई। एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं जैसे धारा 152, 196, 353 और 3(5), जो देश की संप्रभुता, सांप्रदायिक सौहार्द, सार्वजनिक शांति और सामूहिक मंशा से जुड़ी हैं।
कार्यक्रम में एक महिला कलाकार ने फैज़ की चर्चित कविता की पंक्तियां पढ़ीं - "हम अहल-ए-सफा, मर्दूद-ए-हरम, मस्नद पे बिठाए जाएंगे..."। शिकायतकर्ता के मुताबिक, इस नज़्म को पढ़ना राज्यविरोधी विचारों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा एक वक्ता ने अपने भाषण में कहा कि "हम जिस दौर में जी रहे हैं, वो तानाशाही का दौर है", जो शिकायत में सरकार को फासिस्ट कहने की ओर इशारा माना गया है।
पुलिस ने अब तक इस केस में पांच लोगों के बयान दर्ज किए हैं और कार्यक्रम के वीडियो फुटेज, मीडिया कवरेज और गवाहों के बयान की गहन जांच जारी है। वीडियो की प्रामाणिकता जांचने के लिए फॉरेंसिक और साइबर विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। यह कार्यक्रम वीरा साठिदार स्मृति समन्वय समिति और समता कला मंच द्वारा आयोजित किया गया था। समता कला मंच के प्रमुख सुधीर धवले पहले से ही एल्गार परिषद केस में आरोपी हैं, इसलिए पुलिस संगठन की भूमिका और पृष्ठभूमि की भी जांच कर रही है।