नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर की महिला सुनीता जामगड़े अपने 12 साल के बेटे के साथ लद्दाख घूमने आई थी, लेकिन 14 मई को करगिल के एक होटल से अचानक गायब हो गई। उसने बेटे को होटल में अकेला छोड़ दिया और फिर वापस नहीं आई। पुलिस की जांच में पता चला कि सुनीता लंबे समय से पाकिस्तानी नागरिकों से संपर्क में थी। माना जा रहा है कि वह बॉर्डर पार कर पाकिस्तान चली गई हो, हालांकि लद्दाख पुलिस ने इस बात की पुष्टि अभी नहीं की है। सुनीता को आखिरी बार करगिल के बॉर्डर इलाके में देखा गया था, और पहले भी वह कई बार पाकिस्तान जाने की कोशिश कर चुकी थी।
सुनीता नागपुर के एक अस्पताल में नर्स थी और घर-घर कपड़े बेचने का काम भी करती थी। उसकी मां निर्मला ने बताया कि सुनीता मानसिक तौर पर परेशान थी और हाल ही में उसने कहा था कि वह पंजाब जा रही है, लेकिन वह 9 मई को करगिल पहुंच गई। उस समय भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर गोलीबारी चल रही थी। वह हुंदरमन गांव के एक होटल में रुकी थी। 14 मई को उसने बेटे को अकेला छोड़कर कहीं चली गई। लद्दाख पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बरामद कर उसकी देखभाल चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंप दी है।
पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि सुनीता पहले भी दो बार सीमा पार कर पाकिस्तान जाने की कोशिश कर चुकी है। कुछ महीने पहले उसे वाघा-अटारी बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने पकड़ा था, लेकिन पूछताछ के बाद वह वापस कर दी गई थी। इसके अलावा, लद्दाख पहुंचने से पहले वह पंजाब और कश्मीर के बॉर्डर इलाकों में भी गई थी। डीजीपी एस डी सिंह जामवाल ने बताया कि पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतनी लंबी यात्रा के लिए उसके पास पैसे कहां से आए। उन्होंने कहा कि सुनीता कुछ पाकिस्तानी नंबरों से भी बातचीत कर रही थी।
सुनीता की मां ने बताया कि उनकी बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। जांच एजेंसियां इस दावे की भी जांच कर रही हैं। मोबाइल कॉल डिटेल्स और पुरानी जानकारी के आधार पर शक है कि पाकिस्तानी एजेंसियों ने उसे फंसाया हो सकता है। पुलिस उसकी सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच कर रही है। इसके अलावा, एक व्यक्ति को सुनीता की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिससे मामले की गंभीरता बढ़ गई है।