नागपुर न्यूज डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के नागपुर से अपनी चुनावी मुहिम की शुरुआत की। दीक्षा भूमि पर बाबा साहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने 'संविधान सम्मान सम्मेलन' को संबोधित किया। अपने पहले भाषण में राहुल गांधी एक बार फिर संविधान की प्रति के साथ उपस्थित हुए और लोकसभा चुनाव में अपनाए गए रुख को दोहराया। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में भी संविधान और आरक्षण जैसे मुद्दों पर जोर देने वाली है।
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान ही सरकार की विभिन्न संस्थाओं की नींव है। अगर संविधान नहीं होता, तो चुनाव आयोग भी अस्तित्व में नहीं आता। उन्होंने कहा कि संविधान की वजह से भारत का शिक्षा तंत्र अस्तित्व में आया है। अगर संविधान को हटा दिया गया तो आपको कोई पब्लिक स्कूल, अस्पताल या कॉलेज नहीं मिलेगा। बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब आरएसएस और बीजेपी के नेता संविधान पर हमला करते हैं, तो वे असल में भारत की आवाज़ को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत के लिए विदर्भ क्षेत्र को चुना, जहां 35 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस को इस क्षेत्र में पिछले लोकसभा चुनाव में 10 साल बाद बड़ी जीत मिली थी। उस चुनाव में, कांग्रेस ने संविधान और आरक्षण को प्रमुख मुद्दा बनाया था, जिसके चलते पार्टी को मराठा समुदाय के साथ-साथ मुस्लिम और दलित मतदाताओं का समर्थन प्राप्त हुआ था। विदर्भ क्षेत्र 2014 तक कांग्रेस का मजबूत गढ़ था, लेकिन 2014 में बीजेपी ने इस क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति स्थापित कर ली थी।
पिछले चुनाव में बीजेपी ने विदर्भ की 62 सीटों में से 29 पर जीत हासिल की थी, हालांकि उसे 15 सीटों का नुकसान हुआ था। उसकी सहयोगी शिवसेना को केवल चार सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने विदर्भ में 15 सीटें जीतने में सफलता प्राप्त की, और उसे पांच सीटों का फायदा हुआ था। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 29 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी, जबकि उसकी सहयोगी एनसीपी (एसपी) को 5 और शिवसेना को 15 सीटों पर बढ़त दिखी थी। लोकसभा चुनाव के परिणामों के मुताबिक, महायुति को केवल 19 सीटों पर ही बढ़त मिलती नजर आई थी।