नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर जिले में हाल ही में पूरी हुई सावंगी नहर परियोजना ने स्थानीय गांवों की सूरत ही बदल दी है। इस परियोजना की वजह से करीब 400 हेक्टेयर बंजर पड़ी जमीन अब उपजाऊ हो गई है और करीब 200 परिवारों को अब साफ पीने का पानी और सिंचाई के लिए नियमित जल सप्लाई मिलने लगी है। इससे ना सिर्फ खेती में सुधार हुआ है, बल्कि पशुपालन और ग्रामीण जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आया है।
इस परियोजना की शुरुआत फरवरी 2024 में की गई थी, जिसमें 4.11 किलोमीटर लंबे नहर खंड को चौड़ा और गहरा किया गया। इस तकनीकी सुधार से इलाके में भूजल स्तर भी बेहतर हुआ, जिससे किसानों, मवेशियों और यहां तक कि जंगली जीवों को भी फायदा मिला। नहर की मरम्मत और विस्तार का उद्देश्य था—पानी की लगातार कमी से जूझ रहे क्षेत्र को राहत देना।
सावंगी परियोजना को कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत ‘ऑलकार्गो ग्रुप’ की इकाई ‘आवश्या फाउंडेशन’ ने शुरू किया था। इसमें ‘सद्भावना ग्रामीण विकास संस्था’ और ‘पूर्ति सिंचन समृद्धि कल्याणकारी संस्था’ का भी सहयोग रहा। परियोजना में तमसवाड़ा मॉडल को अपनाते हुए जल संरक्षण, नहर की सफाई और पुनर्जीवन पर विशेष जोर दिया गया ताकि जल संग्रहण क्षमता बढ़े और मिट्टी का कटाव रोका जा सके।
ऑलकार्गो ग्रुप के अनुसार, इस परियोजना से जहां 400 हेक्टेयर जमीन खेती के लिए उपयुक्त बन गई, वहीं 200 परिवारों को सुरक्षित पेयजल, मवेशियों के लिए पानी और खरीफ-रबी फसलों व सब्जियों की सिंचाई का फायदा मिला है। कुल मिलाकर 1,200 से ज्यादा किसान इस परियोजना से सीधे लाभान्वित हुए हैं और 3,000 से अधिक ग्रामीणों को इसका अप्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।