नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर शहर की तेजी से हो रही शहरी विकास परियोजनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने नागपुर सेंट्रल जेल को शहर से बाहर स्थानांतरित करने का बड़ा फैसला लिया है। अब यह जेल चिनचोली गांव में 180 एकड़ क्षेत्रफल में बनाया जाएगा, जो वर्तमान जेल से करीब 20 किलोमीटर दूर होगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सहमति के बाद गृहमंत्रालय ने इस योजना को स्वीकृति दे दी है। नागपुर के संरक्षक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे ने चिनचोली में इसके लिए ज़मीन उपलब्ध कराई है।
नई जेल आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी और केंद्र सरकार के निर्धारित मानकों के अनुसार इसका निर्माण किया जाएगा। वर्तमान नागपुर जेल शहरी सीमा में होने के कारण आसपास के इलाके में कोई नया निर्माण नहीं हो पा रहा था, क्योंकि जेल की दीवार से 150 मीटर और अतिरिक्त 20 मीटर बफर ज़ोन में निर्माण प्रतिबंधित है। इस स्थानांतरण से शहर के सौंदर्यीकरण और पुनर्विकास की योजनाओं को बल मिलेगा।
केवल नागपुर ही नहीं, बल्कि ठाणे सेंट्रल जेल को भी शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए भिवंडी के पीसे गांव में 50 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है। मौजूदा ठाणे जेल एक ऐतिहासिक किला है जिसे संरक्षित रखना होगा, इसलिए ठाणे नगर निगम वहां म्यूज़ियम बनाने की योजना पर काम कर रहा है। दोनों जेलों के स्थानांतरण से महाराष्ट्र की जेलों में बढ़ती भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी।
फिलहाल महाराष्ट्र की जेलों की क्षमता 27,000 कैदियों की है, जबकि उनमें 40,300 कैदी बंद हैं। इस भीड़भाड़ को ध्यान में रखते हुए जेलों को विस्तारित और स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव राधिका रस्तोगी ने बताया कि प्रक्रिया में एक साल तक का समय लग सकता है, क्योंकि भूमि हस्तांतरण और निर्माण कार्य में कई चरण होंगे। लेकिन यह फैसला राज्य के कारागार ढांचे को आधुनिक और सक्षम बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।