नागपुर न्यूज डेस्क: सिकरौर सहबरी गांव के आदित्य की घर वापसी ने पूरे गांव को भावुक कर दिया है। नौ साल पहले 2016 में लापता हुआ यह बच्चा अचानक महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक बालगृह में मिला। बोलने में असमर्थ आदित्य वहां ‘हीरा’ नाम से रह रहा था और बालगृह ने जब उसका आधार अपडेट कराने की कोशिश की, तभी असली पहचान उजागर हो गई।
आधार से जुड़े ओटीपी और सतर्कता के चलते सरायमीर पुलिस को आदित्य का पता चला। नागपुर बालगृह से संपर्क कर पुलिस ने सारी औपचारिकताएं पूरी कीं और फिर आदित्य को सकुशल उसके मां-बाप मीला देवी और रामऔतार को सौंप दिया। जब बालक घर पहुंचा, तो मां-बाप और भाइयों की आंखों से खुशी के आंसू रुक नहीं रहे थे।
पूरी घटना की शुरुआत 5 अक्तूबर 2016 को हुई थी, जब आदित्य अपनी दादी के साथ रिश्तेदारी जा रहा था। रास्ते में दादी के दुकान पर रुकने के दौरान आदित्य एक टेंपो पकड़कर फूफा के घर पहुंचा, लेकिन वहां ताला लगा मिला। इसके बाद वह कहीं और चला गया और फिर गुम हो गया। सालों की तलाश और गुमशुदगी रिपोर्ट के बावजूद कोई सुराग नहीं मिला — मगर परिजनों ने उम्मीद नहीं छोड़ी।
नागपुर के बालगृह प्रशासन ने जैसे ही उसका आधार अपडेट किया, उसका पुराना रिकॉर्ड सरायमीर के पते से जुड़ गया। वहीं से पुलिस को सुराग मिला और फिर एक संवेदनशील और तकनीकी समन्वय वाली कार्रवाई से आदित्य को उसके परिवार से मिला दिया गया।