नागपुर न्यूज डेस्क: पाकिस्तान से जुड़ी जासूसी के एक और मामले में नागपुर की सुनीता जमगड़े की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। सुनीता पर पाकिस्तान के लिए खुफिया जानकारी साझा करने का आरोप है। बताया जा रहा है कि वह मई महीने में कारगिल बॉर्डर पार कर पाकिस्तान पहुंची थी। पाकिस्तानी रेंजरों ने उसे पकड़ा और 15 दिन की पूछताछ के बाद उसे 28 मई को बीएसएफ को सौंप दिया गया, जिसके बाद अमृतसर पुलिस ने ज़ीरो एफआईआर दर्ज की और सुनीता को नागपुर पुलिस के हवाले कर दिया।
जांच में खुलासा हुआ है कि सुनीता लगातार पाकिस्तान के नागरिकों के संपर्क में थी। पुलिस ने उसे ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि उसने भारत और नागपुर से जुड़ी कुछ संवेदनशील जानकारियां लीक की हैं। सुनीता को आज फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां नागपुर पुलिस कुछ बड़े खुलासे कर सकती है। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह पाकिस्तान क्यों गई थी और उसका असली मकसद क्या था।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि सुनीता के सोशल मीडिया अकाउंट्स से कुछ पाकिस्तानी लोगों से बातचीत के सबूत मिले हैं। ऐसे में अधिकारी यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर इतनी भारी सैन्य तैनाती के बावजूद वह कारगिल जैसे संवेदनशील इलाके से कैसे बॉर्डर पार कर सकी। नागपुर पुलिस अब सुनीता को कारगिल ले जाकर उस रूट को रिक्रिएट करने की तैयारी में है, जिससे यह पता चल सके कि उसने बॉर्डर पार करने के लिए कौन सा रास्ता अपनाया।
इससे पहले ज्योति मल्होत्रा के जासूसी कांड ने भी देश की सुरक्षा एजेंसियों को हिलाकर रख दिया था। ज्योति पर भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है और वह इस समय न्यायिक हिरासत में है। जानकारी के अनुसार वह पहलगाम हमले से पहले उस स्थान पर जा चुकी थी और पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की भी यात्रा कर चुकी है। सुनीता और ज्योति के ये मामले सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन चुके हैं।