बांग्लादेश में पिछले साल अगस्त में हुए सत्ता परिवर्तन और शेख हसीना सरकार के पतन के एक साल से अधिक समय बाद, देश में एक बार फिर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। उम्मीद है कि देश का 13वां संसदीय चुनाव अगले साल फरवरी में 300 सीटों पर हो सकता है। इस चुनावी संग्राम में, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP), जो पिछले साल के तख्तापलट के बाद से मजबूत स्थिति में आई है, आक्रामक तरीके से मैदान में उतर चुकी है।
BNP का चुनावी मोर्चा: 237 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा
देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी BNP ने आगामी चुनाव के लिए अपनी तैयारी का बिगुल फूंक दिया है। पार्टी ने पहले ही 237 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह इस चुनाव को पूरी ताकत से लड़ेगी।
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खालिदा जिया तीन सीटों से: पार्टी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया स्वयं तीन सीटों—फेनी-1, बोगुरा-7 और दिनाजपुर-3—से चुनाव लड़ेंगी। यह कदम उनकी राजनीतिक महत्ता और पार्टी के लिए उनके प्रतीकात्मक मूल्य को दर्शाता है, भले ही उनका स्वास्थ्य ठीक न हो।
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बेटे तारिक रहमान की उम्मीदवारी: जिया के बेटे और BNP के अंतरिम अध्यक्ष तारिक रहमान बोगुरा-6 से चुनावी मैदान में होंगे।
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अन्य प्रमुख नेता: BNP के प्रधान सचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ठाकुरगांव-1 से चुनाव लड़ेंगे।
नेतृत्व का सवाल: क्या तारिक रहमान होंगे अगले प्रधानमंत्री?
खालिदा जिया के स्वास्थ्य के कारण, पार्टी की चुनावी तैयारियों का नेतृत्व वर्तमान में तारिक रहमान कर रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि BNP चुनाव जीतती है, तो तारिक रहमान बांग्लादेश के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं। हालांकि, तारिक रहमान की राह आसान नहीं है। वह वर्तमान में विदेश में रह रहे हैं और उन्हें शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान कई गंभीर आरोपों में दोषी ठहराया गया था, जिसके चलते उन्हें जेल की सज़ा सुनाई गई थी। इन सज़ाओं से बचने के लिए ही वह देश छोड़कर चले गए थे।
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ग्रेनेड हमला मामले में दोषी: तारिक रहमान का नाम 21 अगस्त 2004 को हुए शेख हसीना पर ग्रेनेड हमले में आया था। इस हमले में 24 लोगों की मौत हो गई थी, हालांकि शेख हसीना बाल-बाल बच गई थीं। दिसंबर 2024 में, हाईकोर्ट ने इस मामले में तारिक रहमान को दोषी करार दिया था।
सत्ता परिवर्तन और यूनुस की अंतरिम सरकार
यह चुनाव पिछले साल अगस्त 2024 में हुए बड़े राजनीतिक उथल-पुथल के बाद हो रहा है, जब शेख हसीना की आवामी लीग की सरकार का तख्तापलट हो गया था और हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा था।
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अंतरिम नेतृत्व: सत्ता परिवर्तन के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया, जिसने देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली के लिए चुनाव कराने का जिम्मा लिया है।
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BNP की स्थिति: BNP, जो लंबे समय से विपक्षी दलों में शामिल थी, अब इस अंतरिम सरकार के अधीन हो रहे चुनाव में खुद को सत्ता के मुख्य दावेदार के रूप में देख रही है।
बांग्लादेश का यह 13वां संसदीय चुनाव देश के राजनीतिक भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। यह तय करेगा कि देश एक बार फिर जिया और हसीना परिवारों के पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की ओर लौटेगा या एक नए, अधिक स्थिर लोकतांत्रिक युग की शुरुआत करेगा।