भारतीय सेना द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में चलाए जा रहे युद्धाभ्यास ने पाकिस्तान में खौफ का माहौल पैदा कर दिया है। इस सैन्य गतिविधि को लेकर पाक सेना इतनी चिंतित है कि फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व में पूरी पाकिस्तानी सेना ने रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। यह उच्च स्तरीय अलर्ट पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व की सामरिक चिंता को दर्शाता है कि भारत का अभ्यास कहीं सीमा पर कोई रणनीतिक महत्व न हासिल कर ले।
मुनीर का आदेश: हर पल का रियल टाइम अपडेट
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल मुनीर ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी कमांडरों को युद्धाभ्यास के दौरान रियल टाइम अपडेट देने का सख्त आदेश दिया है। पाकिस्तान की थल सेना, वायुसेना और नौसेना तीनों को ही अपने-अपने मोर्चों पर अधिकतम अलर्ट पर रखा गया है, जिसके तहत तैनाती और निगरानी बढ़ा दी गई है।
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रक्षात्मक स्वरूप: रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह तैयारियां मुख्य रूप से रक्षात्मक स्वरूप की हैं। इसका उद्देश्य किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का सामना करने और हमले की स्थिति में तुरंत जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता बनाए रखना है।
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नई मिसाइल कमांड सक्रिय: पाकिस्तान की नई रणनीतिक मिसाइल कमांड भी पूरी तरह से सक्रिय है। थल सेना ने अपनी नई आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड को एक्टिव कर दिया है, और लॉन्च वाहनों को सुरक्षित बेस में भेज दिया गया है ताकि जवाबी कार्रवाई की जा तैयारी हर समय हो।
वायुसेना और नौसेना की बढ़ी चौकसी
भारतीय अभ्यास के डर से पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना और नौसेना की तैनाती में नाटकीय वृद्धि की है:
| बल |
गतिविधि |
सामरिक तैयारी |
| वायुसेना (PAF) |
20 लड़ाकू जेट 24 घंटे गश्त पर तैनात। प्रतिदिन 50-60 जेट उड़ान भरकर सीमा पर लगातार निगरानी कर रहे हैं। |
एयर बेस पर तैनाती बढ़ाई गई। |
| नौसेना |
अरब सागर तट, समुद्री व्यापार मार्गों और ग्वादर पोर्ट की सुरक्षा पर खास निगरानी। अधिकांश जगहों पर अलर्ट जारी। |
तटीय रक्षा रणनीति पर काम कर रही है, क्योंकि वह भारत की बड़ी 'ब्लू-वॉटर नेवी' से मुकाबला नहीं कर सकती। |
मुनीर का बढ़ता कार्यकाल: संवैधानिक सुरक्षा की तैयारी
सैन्य तनाव के बीच, पाकिस्तान में जनरल मुनीर के पद और शक्तियों को लेकर भी राजनीतिक हलचल तेज है। मुनीर की सेवानिवृत्ति की तारीख 28 नवंबर 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, शहबाज सरकार उनके कार्यकाल को संवैधानिक सुरक्षा देने के लिए कदम उठा रही है।
पाक नौसेना की चीन पर निर्भरता
नौसेना के मोर्चे पर, पाकिस्तान अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए चीन पर काफी निर्भर है।
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चीनी पनडुब्बियां: पाकिस्तान नौसेना को अगले वर्ष से 8 उन्नत चीनी हैंगर श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां मिलेंगी। इनमें एयर इंडिपेंडेंट प्रपल्शन (AIP) प्रणाली लगी होगी, जो उन्हें लंबे समय तक पानी के नीचे रहने की क्षमता प्रदान करेगी।
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भारत की क्षमता: इसके मुकाबले, भारतीय नौसेना के पास पहले से ही 6 स्कॉर्पीन, 6 किलो और 4 एचडीडब्ल्यू सहित पनडुब्बियों का एक बड़ा बेड़ा मौजूद है।
भारतीय सेना के युद्धाभ्यास ने पाकिस्तान को एक रक्षात्मक मुद्रा में ला दिया है, और मुनीर की सेना इस बढ़ी हुई सतर्कता के माध्यम से भारत को एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वे सीमा पर किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार हैं।