भारतीय विमानन क्षेत्र (Aviation Sector) में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और यात्रियों की बढ़ती संख्या के बीच एक नई उम्मीद की किरण जगी है। हाल के दिनों में इंडिगो जैसी बड़ी कंपनियों के तकनीकी संकट और उड़ानों में देरी की खबरों के बीच, भारत सरकार ने तीन नई एयरलाइंस को ऑपरेशनल लाइसेंस जारी किए हैं। इनमें से सबसे अधिक चर्चा 'शंख एयर' (Shankh Air) की हो रही है, जिसकी उड़ानों का शेड्यूल अब सामने आ चुका है।
जनवरी से भरेगी उड़ान: शंख एयर का रोडमैप
शंख एयर के चेयरमैन श्रवण कुमार विश्वकर्मा ने घोषणा की है कि एयरलाइन जनवरी 2026 के पहले पखवाड़े से अपना परिचालन शुरू कर देगी। शुरुआत में कंपनी तीन एयरबस विमानों के बेड़े के साथ उड़ान भरेगी।
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मुख्य केंद्र (Hub): एयरलाइन का मुख्य फोकस उत्तर प्रदेश पर होगा। कंपनी लखनऊ को दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख महानगरों से जोड़ने को प्राथमिकता देगी।
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विस्तार योजना: पहले चरण में यूपी के विभिन्न शहरों को जोड़ने के बाद, अगले एक-डेढ़ महीने में दो और विमान बेड़े में शामिल किए जाएंगे। कंपनी का लक्ष्य 2028-2029 तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें (International Flights) शुरू करने का है।
एक प्रेरणादायक सफर: ऑटो से एविएशन किंग तक
शंख एयर की शुरुआत के पीछे श्रवण कुमार विश्वकर्मा की फर्श से अर्श तक की कहानी है। एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले विश्वकर्मा ने अपने करियर की शुरुआत बेहद संघर्षपूर्ण तरीके से की।
"मैंने परिचितों के साथ ऑटो चलाया और कई छोटे व्यवसायों में हाथ आजमाया, जिनमें मुझे विफलता मिली। 2014 में सीमेंट और फिर टीएमटी स्टील व परिवहन क्षेत्र में कदम रखने के बाद चीजें बदलीं। आज हमारे पास 400 से अधिक ट्रकों का बेड़ा है।" - श्रवण कुमार विश्वकर्मा
चार साल पहले उनके मन में एयरलाइन शुरू करने का विचार आया, जिसके बाद उन्होंने विमानन क्षेत्र के नियमों और एनओसी (NOC) की जटिल प्रक्रियाओं को समझना शुरू किया।
शंख एयर की रणनीति: विलासिता नहीं, जरूरत
विश्वकर्मा का मानना है कि हवाई सफर को बस या टेंपो की तरह एक सामान्य परिवहन साधन के रूप में देखा जाना चाहिए। शंख एयरलाइन की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
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मिडिल क्लास पर फोकस: कंपनी का मुख्य उद्देश्य मध्यम वर्ग और पहली बार हवाई यात्रा करने वालों के लिए सफर सुगम बनाना है।
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किराया नीति: त्योहारों और व्यस्त सीजन (Peak Season) के दौरान टिकटों के दाम न बढ़ाने का एक बड़ा वादा किया गया है, जो यात्रियों के लिए बहुत बड़ी राहत होगी।
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प्रीमियम अनुभव: बिजनेस क्लास का किराया अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों की तुलना में अधिक होगा, ताकि प्रीमियम पैसेंजर्स को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
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मजबूत फंडिंग: एयरलाइन को इसकी पैरेंट कंपनी (मूल कंपनी) से पूरा वित्तीय समर्थन हासिल है। विमानों को लीज पर लिया गया है और बाहरी फाइनेंसिंग की कोई कमी नहीं है।
निष्कर्ष: एविएशन सेक्टर में नई हलचल
भारत का एविएशन सेक्टर दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों में से एक है। शंख एयर जैसी नई एयरलाइंस के आने से न केवल यात्रियों को सस्ते और बेहतर विकल्प मिलेंगे, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। 'शंख' नाम के साथ एक सांस्कृतिक जुड़ाव और एक सफल ट्रांसपोर्ट कारोबारी का अनुभव इस एयरलाइन को बाजार में मजबूती प्रदान कर सकता है।