जैसे-जैसे साल अपने आख़िरी पड़ाव पर पहुंच रहा है, वैसे-वैसे नए साल के साथ पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां भी तेज होती जा रही हैं। 2026 में होने वाले इस अहम चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल में पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के तमाम दिग्गज नेता लगातार रैलियां, दौरे और संगठनात्मक बैठकों के जरिए माहौल बनाने में जुटे हैं। इसी कड़ी में अमित शाह का हालिया बंगाल दौरा सियासी लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है।
सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या भाजपा पश्चिम बंगाल की धरती पर वही चमत्कार दोहरा पाएगी, जो उसने राष्ट्रीय राजनीति में किया था? 2014 में 2 सीटों से शुरू होकर 2019 में 303 सीटों तक पहुंचने वाली भाजपा की उस शानदार पारी को अब बंगाल की सियासी पिच पर खेला जाना है। हालांकि यहां मुकाबला अलग है, टीम और हालात अलग हैं और चुनाव राष्ट्रीय नहीं बल्कि राज्य स्तर का है, जहां ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लंबे समय से सत्ता में काबिज है।
अमित शाह का आत्मविश्वास और बड़ी भविष्यवाणी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को कोलकाता पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और मीडिया को संबोधित करते हुए बड़ा दावा किया। शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल की इस पिच पर भाजपा एक मजबूत और धुरंधर बल्लेबाज के रूप में उभरेगी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी।
अमित शाह ने यह भी कहा कि उनकी यह भविष्यवाणी किसी अनुमान या भावनाओं पर आधारित नहीं है, बल्कि ठोस आंकड़ों और भाजपा की चुनावी यात्रा पर टिकी हुई है। शाह के मुताबिक, बंगाल में पार्टी की जड़ें अब गहरी हो चुकी हैं और संगठनात्मक ढांचा पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुआ है। तृणमूल कांग्रेस के लंबे शासन के बाद भाजपा इसे सत्ता परिवर्तन का बड़ा मौका मान रही है।
बंगाल में भाजपा की वोट यात्रा
कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने 2014 से 2025 तक बंगाल में भाजपा के प्रदर्शन का पूरा लेखा-जोखा पेश किया। उन्होंने इसे “बीजेपी की लंबी वोट यात्रा” करार दिया।
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2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बंगाल में 17 प्रतिशत वोट मिले थे और सिर्फ 2 सीटें हासिल हुई थीं।
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2016 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 10 प्रतिशत वोट और 3 सीटों से संतोष करना पड़ा।
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2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ा उछाल दिखाते हुए 41 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 18 सीटें जीत लीं।
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2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 38 प्रतिशत वोट मिले और पार्टी ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की।
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2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 39 प्रतिशत वोट और 12 सीटें मिलीं।
इन आंकड़ों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि यह सफर अपने आप में बहुत बड़ा बदलाव दर्शाता है। जिस पार्टी को कभी सिर्फ 3 सीटें मिली थीं, वही पार्टी पांच साल के भीतर 77 सीटों तक पहुंच गई। अमित शाह ने विश्वास जताया कि 2026 में भाजपा “प्रचंड बहुमत” के साथ सत्ता में आएगी।
ममता सरकार पर तीखा हमला
अमित शाह ने अपने बयान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार के कार्यकाल में पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी में बड़ा बदलाव आया है। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद बंगाल सरकार भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है।
शाह का आरोप है कि राज्य सरकार चाहती है कि घुसपैठ जारी रहे ताकि उनकी सियासी पकड़ बनी रहे। उन्होंने साफ कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में घुसपैठ का मुद्दा सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा होगा। अमित शाह ने यह भी ऐलान किया कि अगर बंगाल में भाजपा की सरकार बनती है तो न सिर्फ बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा को पूरी तरह सील किया जाएगा, बल्कि अवैध घुसपैठियों को चुन-चुनकर उनके देश वापस भेजा जाएगा।
2026 का चुनाव: भाजपा बनाम तृणमूल
कुल मिलाकर, 2026 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प और निर्णायक होने जा रहा है। एक तरफ ममता बनर्जी अपनी सरकार और योजनाओं के दम पर सत्ता बचाने की कोशिश करेंगी, तो दूसरी तरफ भाजपा राष्ट्रीय स्तर की अपनी सफलता को राज्य स्तर पर दोहराने के इरादे से मैदान में उतर चुकी है। अब देखना यह होगा कि बंगाल की सियासी पिच पर किसका बल्ला चलता है और जनता किसे सत्ता की बागडोर सौंपती है।