मुंबई, 08 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पंजाब नेशनल बैंक के 13,850 करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी और भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। केंद्र सरकार ने बेल्जियम को एक पत्र भेजकर भरोसा दिलाया है कि प्रत्यर्पण होने पर चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 में रखा जाएगा। सरकार ने कहा है कि उसके साथ मानवीय व्यवहार किया जाएगा और उसे 14 से अधिक सुविधाएं दी जाएंगी। हालांकि, यह पत्र कब भेजा गया इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। चोकसी को 12 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। वह और उसका भतीजा नीरव मोदी इस घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। नीरव फिलहाल लंदन में है और उसके प्रत्यर्पण के लिए भी भारत लगातार कोशिश कर रहा है। दोनों 2018 में देश छोड़कर भाग गए थे। गृह मंत्रालय ने बेल्जियम सरकार को बताया कि जेल की कोठरियों में ग्रिल वाली खिड़कियां, वेंटिलेटर और सीलिंग फैन लगे हैं। मुंबई का मौसम सामान्य होने के कारण एयर कंडीशनिंग की सुविधा नहीं है। कोठरियों में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है, अटैच्ड टॉयलेट-बाथरूम हैं और रोजाना झाड़ू-पोंछा व पेस्ट कंट्रोल किया जाता है।
सरकार ने जानकारी दी कि कैदियों को डॉक्टरों की सलाह पर विशेष आहार दिया जा सकता है। जेल कैंटीन, फल, नाश्ता, योग, ध्यान और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। आंगन में व्यायाम की अनुमति है और मनोरंजन के लिए बोर्ड गेम व बैडमिंटन जैसी गतिविधियां उपलब्ध हैं। जेल में 24 घंटे मेडिकल सेवाएं मौजूद हैं, जहां छह मेडिकल ऑफिसर, नर्स और फार्मासिस्ट तैनात रहते हैं। साथ ही ICU और 20 बिस्तरों वाला अस्पताल है। आपात स्थिति में कैदियों को तीन किलोमीटर दूर सर जे.जे. हॉस्पिटल रेफर किया जा सकता है और चाहें तो निजी चिकित्सा सेवाएं भी ली जा सकती हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चोकसी बेल्जियम से स्विट्जरलैंड भागने की तैयारी में था, लेकिन उसे वहीं गिरफ्तार कर लिया गया। उसने अपनी पत्नी प्रीति चोकसी की मदद से बेल्जियम का रेजिडेंसी कार्ड हासिल किया था। आरोप है कि उसने अधिकारियों को फर्जी दस्तावेज दिए और भारतीय व एंटीगुआ की नागरिकता छिपाई। 2017 में उसने एंटीगुआ-बारबूडा की नागरिकता ले ली थी और 2018 में भारत छोड़ दिया था। वह अक्सर खराब सेहत का हवाला देकर भारत आने से बचता रहा और कभी-कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी करता था। इससे पहले 2021 में वह एंटीगुआ से डोमिनिका गया था, जहां उसे गिरफ्तार किया गया और 51 दिन जेल में रहना पड़ा। उस समय भारत की सीबीआई टीम उसे लाने पहुंची थी, लेकिन ब्रिटिश प्रिवी काउंसिल से राहत मिलने के बाद उसे दोबारा एंटीगुआ भेज दिया गया। भारत में उसकी कई संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं और अब बेल्जियम से प्रत्यर्पण की कोशिश जारी है।